वक्त बदल गया है...चेहरे बदल गए हैं. लेकिन नहीं बदली है तो आतंक के सौदागरों की सोच. मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले को अंजाम देने वाला मोहम्मद अजमल आमिर कसाब सिर्फ नाम नहीं है. वो इतिहास के उन खूंखार पहलों का महज हिस्सा नहीं है. वो दहशत की सोच है, जो बार-बार चेहरे बदलकर आ रहा है. उम्र — महज 19 साल...नाम-अली बाबर...संगठन- लश्कर ए तैयबा. यही पहचान है जिन्दा पकड़े गए आतंकी अली बाबर की. यही पहचान कसाब की भी रही है. अपने कबूलनामे में अली बाबर ने विस्तार से उस इलाके के बारे में बताया है जहां का वो रहने वाला है.
पाकिस्तान का पंजाब ही वो इलाका है, जो आतंकियों की जन्मस्थली रही है. यही वो इलाका है, जहां से कसाब और अली बाबर आता है! अजमल आमिर कसाब पाकिस्तानी पंजाब में ओकारा जिले के फरीदकोट में पैदा हुआ था. वहीं अली बाबर भी पाकिस्तानी पंजाब के ओकारा के वसेववाला गांव निवासी है. पाकिस्तान में भी आतंकी संगठन फिदायीन हमलावर बनाने के लिए उस तबके को टारगेट करता है जो गरीब है अनपढ़ है. अजमल आमिर कसाब की ही तरह अली बाबर भी स्कूल ड्रॉपआउट है. सातवीं क्लास के बाद अली बाबर को स्कूल छोड़ना पड़ा था. अपने कबूलनामे में अली बाबर ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि जरूर और आईएसआई तक पहुंचने की दास्तां सुनाई.
आतंक की ट्रेनिंग को लेकर भी कसाब और अली बाबर में समानता है. अजमल आमिर कसाब की टेरर ट्रेनिंग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद के नजदीक मंगला डैम इलाके में हुई थी. अली बाबर की आतंकी ट्रेनिंग भी मुजफ्फराबाद के नजदीक मरकज ए खाइबर के गढ़ी हबीबुल्ला में दी गई थी. AK-47, LMG YSMS, GPS...अली बाबर को इन सबकी ट्रेनिंग दी गई. खुद ये बात बाबर ने कबूली है. बाबर से बरामद हथियारों में 7 ए के 47, 9 ऑटोमैटिक पिस्टल, 80 ग्रेनेड और सैकड़ों कारतूस शामिल हैं. हथियार बता रहे हैं कि कश्मीर को दहलाने की ये आतंकी किस तरह योजना बना रहे थे. बाबर ने अपने कबूलनामे में उरी पहुंचने से लेकर अपने सरेंडर के बारे में भी बताया.
हथियारों से लैस मोहम्मद अजमल कसाब ने अपने साथियों के साथ मुंबई को दहलाया था. अली बाबर का भी वही प्लान था. वो अपने साथियों के साथ कश्मीर को दहलाना चाहता था, लेकिन उसका मंसूबा नाकाम हो गया. पाकिस्तान लगातार कसाब जैसे शैतानों की फौज तैयार करने में जुटा है. पीओके में ट्रेनिंग लेने के अलावा कसाब ने मुंबई घुसने से पहले पाकिस्तान के सिंध में कराची के पास थट्टा टेरर कैंप में भी ट्रेनिंग ली थी. ये वो ट्रेनिंग कैंप है, जहां दिल्ली में गिरफ्तार टेरर मॉड्यूल के दो आतंकी जीशान और ओसामा को प्रशिक्षित किया गया था. यानि पाकिस्तान की टेरर फैक्ट्री के लिए रोल मॉडल है कसाब. अली बाबर हो, जीशान हो या फिर ओसामा मानों सब कसाब जैसा बनना चाहते हैं. लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन आतंक के चेहरों को लगातार बेनकाब कर रही है. हर आतंकी का बस एक ही अंजाम है या तो सरेंडर कर दो नहीं तो नर्क में पहुंचा दिया जाएगा.
Source : Peenaz Tyagi