महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर एकनाथ शिंदे गुट के अलग होने के बाद शिवसेना का असली वारिस कौन है इस पर सवाल खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे पहली बार सेना भवन पहुंचे और उन्होंने कहा कि जो तथाकथित शिवसैनिक ने शिवसेना के नाम पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है वह सही नहीं है. उनकी और शिवसेना के पीठ में खंजर घोपा गया, जिसके बाद विरासत किसके पास होगी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ इस समय 50 विधायक हैं, जिसमें 39 विधायक अकेले शिवसेना के. 55 विधायकों वाली शिवसेना में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे खेमे में जाने के बाद शिवसेना किसकी है इस पर सवाल खड़े हो गए हैं? हालांकि, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे सेना भवन पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह अब हमेशा सेना भवन आएंगे और शिवसैनिकों से मिलेंगे. शिवसेना के बीच में खंजर घोपा गया, जिस मुख्यमंत्री ने शपथ ली है वह तथाकथित शिवसैनिक हैं और बिना शिवसेना के मुख्यमंत्री हो ही नहीं सकता.
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पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के इस बयान के बाद शिवसेना किसके पास होगी इस पर लोगों के बीच अपवाद जरूर है. मामला कोर्ट में है और शिवसेना की पूरी कोशिश है कि कोर्ट से पूरे मामले को अपने पक्ष में लाया जाए, लेकिन शिंदे ग्रुप भी कमजोर नहीं है. मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश का पूरा सिस्टम एकनाथ शिंदे के साथ है और केंद्र के बीजेपी सरकार का साथ मिलने के बाद शिवसेना के शिंदे ग्रुप को ही असली सेना के तौर पर एकनाथ शिंदे पूरी कोशिश करेंगे. हालांकि, एकनाथ शिंदे लगातार कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वह सभी लोगों से मिलेंगे, ताकि प्रदेश का विकास हो सके.