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AsadEncounter: संजय राउत ने दिया एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स का उदाहरण, शायद भूल गए सचिन वाझे...

Encounter specialists went to jail, says Sajnay Raut : एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर... जो 17 साल सस्पेंड रहा. वो पॉलिटिकल पार्टी का कार्यकर्ता बनता है. फिर वापस ड्यूटी पर लौटता है. उसने 63 एनकाउंटर किये हैं. एक नहीं, 10 नहीं, 20 नहीं. पूरे 63. और एक भी बार उसे खरोंच तक नहीं आई. वो सस्पेंशन से वापस लौटता है.पुलिस कमिश्नर को बाईपास...

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Shravan Shukla
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Sanjay Raut

Sanjay Raut( Photo Credit : Twitter/ANI)

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Encounter specialists went to jail, says Sajnay Raut : असद अहमद के एनकाउंटर पर सवाल उठाने की कोशिशें हो रही हैं. कोई नेता एनकाउंटर्स को फर्जी बता रहा है, तो कोई उसे ये कहकर फर्जी बताने की कोशिश कर रहा है कि फलाने जगह पर भी एनकाउंटर होते थे. और करने वाले लोग जेल में हैं. कुछ ऐसा ही मामला उठाया है संजय राउत ने. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि कभी मुंबई में सबसे ज्यादा एनकाउंटर होते थे, लेकिन करने वाले जेल में हैं. 

क्या खूब याददाश्त है राउत साहब की...

वैसे, राउत साहब ने बात बढ़िया कही है. पूरा मुखौटा ही उतार कर रख दिया है. मुसलमान अपराधियों के एनकाउंटर पर जश्न इनकी पार्टी भी मनाती थी. और हिंदू अपराधियों के एनकाउंटर पर विरोध प्रदर्शन भी करती थी. खैर, छोड़िए, हम आपको एक किस्सा हाल फिलहाल का बताते हैं. मुंबई में कुछ समय पहले एक सरकार थी. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की. मिली जुली. नाम दिया गया महाविकास आघाड़ी. गृहमंत्री बने थे अनिल देशमुख. उसी जमाने में शाहरुख खान के लड़के को उठा लिया गया. अंबानी को धमकी दी गई. 100 करोड़ वसूली के टारगेट का खुलासा हुआ. मंत्री अनिल देशमुख को जेल जाना पड़ा. प्यादा कौन था?

सचिन वाझे और वसूली गैंग...

प्यादे की याद हम दिला देते हैं. प्यादा था सचिन वाझे, जो अब अनिल देशमुख के गले की फांस बन गया है. वो पहले नौकरी में रहते हुए 17 साल तक सस्पेंडेड रहा. आरोप था ज्यूडिशियल कस्टडी में मर्डर का. शिवसेना का कार्यकर्ता बना. जून 2017 में फिर से सर्विस में आया. एक नामी पत्रकार की गिरफ्तारी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. फिर एंटीलिया बम कांड हुआ और उसमें वो फिर से गिरफ्तार हो गया. फिर से सस्पेंड हुआ और आखिरकार 11 मई 2021 को वो नौकरी से डिसमिस कर दिया गया. अब अनिल देशमुख के खिलाफ सचिन वाझे सरकारी गवाह है. केस है 100 करोड़ के वसूली के टारगेट का. और भी तमाम मामलों का. 

17 साल सस्पेंड रहा, फिर 100 करोड़ वसूली का टारगेट...

सोचिए,  कि एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर... जो 17 साल सस्पेंड रहा. वो पॉलिटिकल पार्टी का कार्यकर्ता बनता है. फिर वापस ड्यूटी पर लौटता है. उसने 63 एनकाउंटर किये हैं. एक नहीं, 10 नहीं, 20 नहीं. पूरे 63. और एक भी बार उसे खरोंच तक नहीं आई. वो सस्पेंशन से वापस लौटता है. उसकी काबिलियत देखी जाती है. वो मुंबई पुलिस कमिश्नर तक को बाईपास करके सीधे गृहमंत्री से निर्देश लेता है. साथ उठता बैठता है और वसूली करता है. तो संजय राउत जी, आपसे सही याद बताया है कि कैसे मुंबई में एनकाउंटर होते थे. लोग सालों-साल सस्पेंड रहते थे और आपकी खिचड़ी सरकार में सीधे वसूली करने लौट आते थे. तो राउत जी, महाराष्ट्र में सरकार बदल चुकी है. वसूली वाला जेल में है. लेकिन ये उत्तर प्रदेश है. बस इतना याद रखिए...

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संजय राउत ने याद दिलाया मुंबई का हाल

संजय राउत साहब ने साफ कहा है कि सबसे ज्यादा एनकाउंटर मुंबई में होते थे. दौर था डी-कंपनी और अंडरवर्ल्ड का. एनकाउंटर करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहलाते थे. लेकिन उनमें से अधिकतर को जेल जाना पड़ा. क्यों? क्योंकि मुंबई के कुछ लोग कोर्ट गए और ऐसे एनकाउंटर्स के खिलाफ सबूत भी लेकर गए. स्पेशलिस्ट लोगों को जेल जाना पड़ा. कुछ को जांच शुरू होते ही, तो कुछ को जांच खत्म होने के बाद. 

सुनिए, संजय राउत साहब क्या कहते हैं...

HIGHLIGHTS

  • संजय राउत ने असद एनकाउंटर पर दिया बड़ा बयान
  • मुंबई में भी एनकाउंटर होते थे... : संजय राउत
  • बाद में सभी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट गए जेल
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