भारत में सड़कों का निर्माण रिकॉर्ड रफ्तार से हो रही हैं. देश के इतिहास में इससे पहले इतनी तेजी से सड़कों का निर्माण नहीं हुआ था. भारत में सड़कों के निर्माण को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है. इसमें दावा किया गया है कि भारत में 65 साल में जितने नेशनल हाइवे के निर्माण हुए, उससे कही ज्यादा 2025 में बनकर तैयार हो जाएंगे. यह विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ते भारत के उज्ज्वल भविष्य और मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय रोजाना 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण करा रहा है. देश में सड़कों का जाल बिछाने में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अहम भूमिका है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी के काम करने की तारीफ सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष भी करता है. विरोधी दलों के नेता भी उनके काम की तारीफ करने से पीछे नहीं रहते हैं. अपने काम से पहचान बनाने वाले मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी भारत की सीमा से लगते देशों पर भी तेजी से सड़कों का निर्माण कर रहे हैं. चीन, पाकिस्तान से सटे सीमाओं पर भारत तेजी से कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है. 8 साल के भीतर जिस तेजी से सड़कों का निर्माण हुआ है उसको लेकर गडकरी को स्पाइडरमैन की उपाधि भी दी गई है. देश में तेजी से हो रहे सड़कों के निर्माण के पीछे नितिन गडकरी ने नीतियों में बदलाव को अहम बताया.
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया कि हम देश की सड़कों को 2024 तक अमेरिका के बराबर में ला देंगे. 60 किमी के दायरे में सिर्फ एक टोल प्लाजा होगा. गडकरी का मानना है कि अच्छी सड़क से ही देश की अर्थव्यवस्था समृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए बिना हम विकास की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं. आज राजमार्ग कनेक्टिविटी और सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार का ही नतीजा है कि देश की राजधानी दिल्ली से कई शहरों की दूरी अब सिर्फ 2 घंटे में तय की जाती है.
भारत में एक्सप्रेस-वे, हाई-वे समेत वर्ल्ड क्लास सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर बनने से देश के 90 फीसदी यात्री ट्रैफिक और करीब 70 फीसदी गुड्स ट्रैफिक सड़क पर दौड़ रहे हैं. इसे कम करने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे तैयार करने पर जोर दे रहा है. आज सड़क निर्माण के क्षेत्र में भारत ने कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं.
भारत ने सड़क बनाने में चार विश्व रिकॉर्ड बनाए
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 42 ग्रीन एक्सप्रेस वे हाइवे का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के क्षेत्र में विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने पर गडकरी ने कहा कि परिवहन विभाग ने चार विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं. रोजाना 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण, 21 घंटे में 16 किलोमीटर सड़क बनाना, 24 घंटे में 2.5 किमी का चार लेन की सड़क बनाना, दो, तीन या चार लेन सड़क बनाने में एक किलोमीटर को गिना जाना भी शामिल है.
नेशनल हाइवे के प्रतिदिन विस्तार में तीन गुना बढ़ोतरी
अगर पिछले आठ वर्षों में देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर नजर डाले तो पता चलेगा कि देश में सड़क निर्माण की प्रगति पहले से तीन गुना बढा है. 2013-14 में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,287 किलोमीटर थी, वो 2020-21 में बढ़कर 1,41,345 किलोमीटर पहुंच गई. 2013-14 में प्रति दिन 12 किमी नेशनल हाईवे का निर्माण होता था, वहीं 2020-21 में 38 किमी होने लगा। यूपीए सरकार की तुलना में सड़क निर्माण में तीन गुना बढोतरी हुई है. इस उपलब्धि को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि ये उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं और दुनिया का कोई भी देश इसका मुकाबला नहीं कर सकता है.
3 हजार किमी एक्सप्रेसवे निर्माण का प्रस्ताव
मोदी सरकार में भारतमाला प्रॉजेक्ट के तहत एक्सप्रेस-वे बनाने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है. दूसरे चरण में सरकार ने कुल तीन हजार किलोमीटर एक्सप्रेस-वे और चार हजार किलोमीटर ग्रीनफील्ड हाइवे बनाने का लक्ष्य रखा है. नई योजना के तहत इंदौर-मुंबई, बेंगलुरु-पुणे, वाराणसी-रांची-कोलकाता और चेन्नई-त्रिचि के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही ग्रीनफील्ड हाइवे योजना के तहत झांसी से रायपुर, सोलापुर से बेलगाम, गोरखपुर से बरेली पटना से राउरकेला और वाराणसी से गोरखपुर के बीच 2024 में नए राजमार्ग बनाए जाएंगे.
गांवों और नक्सल प्रभावित इलाकों में तेजी से सड़क निर्माण
मोदी सरकार ने नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने के लिए गांवों को शहरों से जोड़ने पर भी जोर दिया है. इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण पर सरकार का खास ध्यान है. नक्सल प्रभावित राज्यों में तेजी से सड़कें बनाई जा रही हैं. ये सड़कें बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश के नक्सल क्षेत्रों में सड़कें बनाई जा रही है. इसके अलावा सरकार ने 20 हजार गांवों को भी शहरों से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण करने के लिए प्रस्ताव लाया है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी का मानना है कि गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है. गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत रिकॉर्ड स्तर पर सड़कें बनाई गई हैं.
दिल्ली में होगा भारत का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे
नितिन गडकरी सिर्फ एक्सप्रेसवे, हाईवे या सिंगल, डबल सड़कें ही नहीं बना रहे हैं. वह अर्बन एक्सप्रेसवे तैयार करने पर भी जोर दे रहे हैं. दिल्ली में बन रहा द्वारका एक्सप्रेसवे भारत का पहला और एडवांस अर्बन एक्सप्रेसवे होगा. इस पर 4 मल्टी लेवल इंटरचेंज (टनल/अंडरपास, एलिवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर) बनाए जा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि, यह ऐसा पहला एक्सप्रेस-वे है, जिसे बनाने में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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2030 तक सड़कों पर दौड़ेंगे 2 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन
नितिन गडकरी देश के हर गांवों को हाईवे से जोड़ने के साथ-साथ पार्यावरण संरक्षण पर भी काम कर रहे हैं. प्रदूषण रोकने के लिए गडकरी नजदीक से इसका निरीक्षण कर रहे हैं. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं. नितिन गडकरी ने 2030 तक भारत की सड़कों पर दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने की परिकल्पना की है. हाल ही में मोबिलिटी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि ई-मोबिलिटी में बड़ी क्षमता है और इकोलॉजी और पर्यावरण को बचाने के लिए निवेशकों को निवेश के लिए आगे आना चाहिए.भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के दौड़ने से ना केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी यह पहल भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी.