दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब में मचे सियासी घमासान के बीच में हाई लेवल बैठक की. इस मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी मौजूद थे. बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बागी तेवर और नई पॉलीटिकल पार्टी बनाने से पंजाब कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा को लेकर राहुल गांधी ने रणनीति बनाई. दरअसल राहुल गांधी को पता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलग सियासी दल बनाने से पंजाब में पार्टी को नुकसान हो सकता है. लिहाजा आनन-फानन में राहुल ने सियासी नफे-नुकसान को भांपने के लिए दिल्ली में बैठक बुलाई.
राहुल ने क़रीब 2:30 घंटे तक मंथन किया. सूत्रों ने बताया है कि इन तमाम मुद्दों पर सिलसिलेवार रणनीति बनाई गई. इस बैठक में कैप्टन के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात और नई पार्टी बनाने से पहले कांग्रेस ने पंजाब को लेकर आगामी रणनीति पर चर्चा की है. कैप्टन के नई पार्टी बनाने के बाद पंजाब कांग्रेस और पंजाब सरकार पर क्या असर पड़ेगा? पंजाब की अंदरूनी सियासत और पंजाब सरकार पर क्या असर पड़ेगा? इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने चन्नी से रिपोर्ट ली. इसी सिलसिले में बीते दिनों राहुल गांधी ने मंत्रिमंडल से हटाए गए नाराज विधायको से भी मुलाकात की थी ताकि उनकी नाराजगी को दूर किया जा सके. कांग्रेस को अंदेशा है कि कैप्टन के साथ कुछ विधायक जा सकते हैं. लिहाजा पहले से ही सियासी नफे-नुकसान का आकलन पार्टी आलाकमान कर रही है.
HIGHLIGHTS
- कैप्टन के साथ कुछ विधायकों के जाने का अंदेशा
- कैप्टन के नए पार्टी बनाने से हालात पर हुई चर्चा
- पंजाब के राजनीतिक नफा-नुकसान पर बनी रणनीति