Senior Citizens Day 2022 : उम्र अनुभव लाती है और अनुभव दूसरों से आगे रखता है. यह बात भारतीय राजनीति पर फिट बैठती है. देश में राष्ट्रीय दलों के मुखियाओं से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री पद तक में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों का जलवा है. राष्ट्रीय दलों के 87.5 प्रतिशत मुखिया 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. सिर्फ नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख कोनराड संगमा 44 वर्ष के हैं. वहीं, 19 प्रमुख राज्यस्तरीय पार्टियों के मुखिया में से 73.69 प्रतिशत 60 बसंत पार कर चुके हैं. 42.11% पार्टी प्रमुखों की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा तथा 15.79% की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है.
राजनीति के प्रमुख पदों पर आसीन नेताओं की आयु को लेकर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 30 मुख्यमंत्रियों में से आधे से ज्यादा यानी 56.66 फीसदी सीएम वरिष्ठ नागरिक हैं. एक चौथाई से थोड़ा कम (23.33 प्रतिशत) सीएम की उम्र 40 से 49 वर्ष के बीच है. इस लिहाज से देखें तो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश वरिष्ठ नेताओं के अनुभवी हाथों में है.
राष्ट्रीय दलों के मुखिया और उम्र का प्रतिनिधित्व
आयु वर्ग प्रतिशत
80-90 12.5%
70-79 37.5%
60-69 37.5%
40-49 12.5%
प्रमुख राज्य स्तरीय दलों के मुखिया
(उम्र (वर्ष) प्रतिशत
80-90 15.79
70-79 26.32
60-69 31.58
50-59 10.53
40-49 15.78
राज्यों के मुख्यमंत्री और उम्र प्रतिनिधित्व
उम्र वर्ष प्रतिशत
70-79 23.33
60-69 33.33
50-59 20.00
40-49 23.34
50 वर्ष से कम उम्र में सिर्फ दो पीएम
देश में एकमात्र युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी हुए. इन्होंने 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री का पद संभाला था. वे 1984 से लेकर 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इससे पहले उनकी मां इंदिरा गांधी जब 1966 में प्रधानमंत्री बनी थीं तो उनकी उम्र 49 वर्ष थी. देश में अभी 40 वर्ष से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री नहीं बन सका है.
Source : Devbrat Tiwari