तालिबानी हुकूमत की क्रूर हकीकत

इस बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया है.

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Pradeep Singh
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अफगानिस्तान में प्रदर्शन करती महिलाएं( Photo Credit : News Nation)

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अफगानिस्तान में महिलाओं की आजादी पर पाबंदी का कड़ा विरोध हो रहा है. इसे दबाने के लिए तालिबानी सरकार मीडियाकर्मियों का दमन भी कर रही है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत सरकार ने तालिबानी हुकूमत को लेकर कुछ गंभीर चिंता जाहिर की है.आपको बता दें कि अफगानिस्तान में अपने अधिकारों और नई सरकार में भागीदारी के लिए तालिबान से लड़ रहीं महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो गया है.महिलाओं का प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रान्त तक पहुंच गया है.यहां भी कई महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं.इस बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका बयान दिया है.तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा है कि कोई महिला मंत्री नहीं बन सकती है.महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं बल्कि उन्हें सिर्फ बच्चे पैदा करना चाहिए.

इस बीच, अब तालिबान सरकार की क्रूरता भी सामने आने लगी है.राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में तालिबानियों ने दो पत्रकारों को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा और कपड़े उतरवाकर कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेरहमी से पिटाई की.दोनों के शरीर पर घाव के निशान तालिबानी क्रूरता को बयां कर रहे हैं.इन पत्रकारों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने मूलभूत अधिकारों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं की खबर को कवर किया था. उधर, अफगानिस्तान के हालात पर भारत ने चिंता जताई है.संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि अफगानिस्तान में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं.साथ ही तालिबान को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर हमला करने या आतंकियों को शरण देने के लिए नहीं होना चाहिए.साथ ही तालिबान सरकार ने आतंक के खिलाफ जो वादे किए गए हैं, उस पर अमल किया जाए.

यह भी पढ़ें:पूरी तरह बर्बाद हो सकती है अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र संघ ने अफगानिस्तान में सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरने का अंदेशा जताया है.दुनिया भर के देशों से अफगानिस्तान में कैश फ्लो बनाए रखने की अपील करते हुए यूएनओ ने कहा है कि अफगानिस्तान इस वक्त करंसी की वैल्यू में गिरावट, खाने-पीने की चीजों, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि और प्राइवेट बैंकों में नकदी की कमी जैसे संकटों का सामना कर रहा है.यहां तक कि संस्थाओं के पास स्टाफ का वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं.ऐसे में यहां हालत कभी भी बेकाबू हो सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • नई सरकार में भागीदारी के लिए तालिबान से लड़ रहीं महिलाओं का प्रदर्शन हुआ तेज
  • महिलाओं का प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रान्त तक पहुंच गया है
  • अब तालिबान सरकार की क्रूरता भी सामने आने लगी है
UNO The brutal reality of Taliban rule womens in taliban rule
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