Rahul Gandhi : मानहानि मामले में सूरत की कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजनीति भविष्य पर मानों ग्रहण सा लग गया है. अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है. अगर जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत किसी भी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त होती है. राहुल गांधी के साथ भी ऐसा ही हुआ, यहां कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई और वहां लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की घोषणा कर दी. इतना ही नहीं राहुल गांधी के निवास पर घर खाली करने का नोटिस भी लग गया.
आपको बता दें कि राहुल गांधी केरल वायनाड सीट से सांसद थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कर्नाटक में दिए अपने भाषण में मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद सूरत की कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत कोई भी राजनेता कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा पूरी होने के 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. यानी राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा और उसके बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध यानी 8 साल तक राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
ऐसे में सवाल है कि कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए यात्रा करने वाले राहुल गांधी की राजनीति पर सच में ग्रहण लग गया है? चलिए आपको बताते हैं कि राहुल के राजनीतिक भविष्य को लेकर क्या कहते हैं जानकार. वरिष्ठ पत्रकार उमाकांत लखेड़ा की मानें तो राहुल गांधी लगातार जनता से जुडे़ मुद्दे उठा रहे हैं. उनका मानना है, "राहुल गांधी पर जो कानूनी कार्रवाई हो रही है वो राजनीति से प्रेरित मुकादमा है. राहुल गांधी संसद में रहे या ना रहें, जो नेता होता है वो जनता से जुड़े मुद्दे उठाता रहता है फिर चाहे वो कहीं भी रहे."
लेकिन आज की स्थिति तो यही है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई है, सरकारी घर भी छिन गया, कोर्ट के चक्कर लग रहे हैं और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सड़क से लेकर संसद तक में हंगामा कर रहे हैं. लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद क्या राहुल को लोगों की हमदर्दी मिल रही है? आपको बताते हैं कि राहुल गांधी को लेकर देश की जनता आखिर क्या सोचती है? हमने देश के अलग-अलग शहरों में लोगों से राहुल की सदस्यता जाने, उनके घर छिन जाने और उनके राजनीति भविष्य की बात की. आप भी सुनें लोगों ने क्या कहा...
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कानून जानकारों की मानें तो राहुल गांधी के पास कई कानूनी विकल्प है. ऐसे में ये कयास लगाना अभी जल्दबाजी होगा कि राहुल गांधी का राजनीति करियर खत्म हो गया है. वैसे सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल को तय की है. ऐसे में तीन स्थितियां यहां राहुल गांधी के लिए बनी हैं, एक अगर राहुल गांधी की सजा पर स्टे लग जाता है तो उनकी लोकसभा सदस्यता बनी रहेगी. दूसरी अगर कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा कम कर दी तो भी उनकी लोकसभा सदस्यता बची रहेगी. क्योंकि दो साल से कम सजा होने पर जनप्रतिनिधि अधिनियम का नियम लागू नहीं होगा. लेकिन, अगर कोर्ट इसी सजा को बरकरार रखता है तो फिर राहुल गांधी के पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प बाकी रहेगा.
जहां एक तरफ कुछ लोगों का मानना है कि राहुल गांधी के साथ गलत हो रहा है तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस अब डूबता हुआ सूरज है. खैर ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि राहुल गांधी इस डूबती हुई कांग्रेस पार्टी की नैय्या पार लगा पाते हैं या नहीं लेकिन फिलहाल उनके राजनीतिक भविष्य की नैय्या जरूर खतरे हैं.
- नवीन कुमार की रिपोर्ट