पीएम मोदी के सरनेम को लेकर विवादित बयान देने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस मामले में सूरत कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद अपनी सांसदी से हाथ धोने वाले राहुल गांधी ने अब नया ट्वीट कर कई राजनेताओं पर हमला किया है. अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार निशाना साध रहे राहुल गांधी ने शनिवार को वर्ड प्ले पजल के जरिए बीजेपी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर शेयर की, जिसमें बड़े-बडे़ अक्षरों में अडानी लिखा था, इसके साथ इस शब्द के सारे अल्फाबेट्स के साथ-साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए 5 नेताओं के नाम भी लिखे थे. ये नाम थे गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंता बिस्व सरमा और अनिल एंटनी. इस तस्वीर के साथ लिखा था. 'सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं! सवाल वही है- अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं.'
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम रहे हैं, कांग्रेस के सीनियर नेता रहे हैं. किरण कुमार रेड्डी आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम रहे हैं, हिमंता बिस्व सरमा असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं और अनिल एंटनी केरल से आने वाले बड़े कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे हैं. इन सभी नेताओं ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है.
राहुल गांधी के इस हमले पर पलटवार करने वालों में सबसे पहला नाम असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा का आया. असम के सीएम ने राहुल गांधी को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि हम कोर्ट में मिलेंगे. हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, "ये हमारी शालीनता थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों की कमाई को कहां छुपाया है. और आपने कैसे कई बार ओतावियो क्वात्रोची को भारतीय कानून के शिकंजे से बचने दिया. अब हम कोर्ट में ही मिलेंगे."
चलिए आपको बताते हैं आखिर कौन हैं ओतावियो क्वात्रोची, जिसको भगाने का आरोप असम के सीएम ने राहुल गांधी पर लगाया है. दरअसल, क्वात्रोची इटली का एक कारोबारी था जिस पर राजीव गांधी सरकार के दौरान हुए बोफोर्स घाटाले में दलाली के जरिए घूस लेने का आरोप लगा था. ऐसा बताया जा रहा है कि जब 2004 में यूपीए की सरकार बनी, तो साल 2009 की शुरुआत तक भारत को कई क्रिमिनल केसेज में उसकी तलाश थी, लेकिन 28 अप्रैल 2009 को सीबीआई ने क्वात्रोची को क्लीनचिट देते हुए, इंटरपोल से उस पर जारी रेडकॉर्नर नोटिस को हटा लेने की अपील की. उस वक्त विपक्षी बीजेपी ने क्वात्रोची को क्लीन चिट देने के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था. इसके बाद 13 जुलाई 2013 को 74 साल की उम्र में क्वात्रोकी की स्ट्रोक की वजह से इटली के मिलान मौत हो गई थी.
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हिमंता बिस्वा सरमा के बाद राहुल गांधी के इस ट्वीट पर अनिल एंटनी ने भी पलटवार किया. बता दें कि अनिल एंटनी कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे हैं और हाल ही में वो BJP में शामिल हुए हैं. अनिल एंटनी ने इस तरह के ट्वीट करने पर राहुल गांधी की आलोचना करते हुए लिखा, "एक नेशनल पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस के तथाकथित पीएम कैंडिडेट को देखकर दुख होता है कि वो एक ऑनलाइन/सोशल मीडिया सेल ट्रोल की तरह बोले, न कि एक नेशनल लीडर की तरह. राष्ट्र निर्माण के काम में दशकों तक योगदान देने वाले इन बड़े दिग्गजों के साथ अपना नाम देखकर बहुत खुशी हुई, और उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी, क्योंकि वे भारत और हमारे लोगों के लिए काम करना पसंद करते हैं, न कि एक परिवार के लिए."
- नवीन कुमार की रिपोर्ट