कल यानी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) है. दुनियाभर में सालों से 8 मार्च के दिन महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'ईच फॉर ईक्वल' है. आप भी महिला दिवस मनाने की तैयारियों में लगे होंगे. लिहाजा अब कुछ ही घंटों का समय बचा है तो आपने कुछ लोगों को मैसेज करके बधाई भी दे दी हो, सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी पोस्ट कर दी हैं. उन पर कुछ लाइक्स और कमेंट्स भी आ गए होंगे. लेकिन क्या आपने महिलाओं की समस्या के बारे में सोचा है. हां कुछ लड़कियां और लड़के जब इकट्ठे हो जाते हैं तो इस पर बातें भी कर लेते होंगे. हकीकत में आज भी महिलाएं कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है.
आपने महिलाओं की तमाम समस्याओं को देखा होगा. सोशल मीडिया, टीवी चैनल्स और अखबारों में भी पढ़ा होगा. लेकिन आज हम महिलाओं की जिस अहम समस्या की बात करने जा रहे हैं. शायद ही आपने उसके बारे में कभी कुछ देखा या पढ़ा हो. लेकिन आपके उसके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं. मगर ध्यान न आ रहा होगा. चलो, हम ही आपको बता देते हैं. आज के समय में हमारे देश में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है. अब आप इसे गलत भी समझ रहे होंगे या सोच रहे हैं कि शौचालय तो मोदी सरकार ने बना दिए, फिर समस्या कैसे है.
यह भी पढ़ें: 8 मार्च के अलावा 13 फरवरी को भी मनाते हैं महिला दिवस, जानें क्यों
अब ध्यान दीजिए...अक्सर आप अपनी मां, बहन या महिला दोस्त के साथ कहीं बाजार में जाते हैं. आपको बहुत तेजी से बाथरूम आती है तो आप तुरंत कोई भी जगह देखकर या कोई भी कोना देखकर खड़े हो जाते हैं और बिना शर्म के आते-जाते लोगों से नजरें चुराते हुए पेशाब कर लेते हैं. लेकिन महिलाओं के लिए ऐसा करना आसान नहीं है. न महिलाएं खुले में आपकी तरह टॉयलेट कर सकती हैं और न ही उन्हें आसानी से कहीं जगह मिलती है. बात दिल्ली और नोएडा के मार्केटों की ही कर लें. अधिकतर भीड़भाड़ वाले मार्केटों में महिलाएं के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं है. आखिर महिलाएं जाएं तो कहां जाएं. चारों ओर लोग ही लोग दिखते हैं तो महिलाएं बेचारी शर्म के मारे कहीं दीवारों या पेड़ों की ओट लेकर टॉयलेट करती हैं. ऐसे में अगर कोई वहां से गुजर रहा हो तो उस वक्त कैसे हालात होते होंगे ये बतानी वाली बात नहीं है.
अब सबसे अहम बात यह कि अगर महिलाएं कुछ वक्त के लिए टॉयलेट के प्रेशर को रोकती हैं तो उन्हें इससे कई तरह की खतरनाक बीमारी हो सकती हैं. कुछ यूरोलॉजी एक्सपर्ट्स के कहने के मुताबिक, ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से पेशाब की थैली, गुर्दे या पेशाब की नली में जलन और सूजन सरीखी समस्याएं हो सकती हैं. मूत्र मार्गीय संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. पेशाब को ज्यादा देर तक रोकने से पेशाब थैली में खिंचाव पैदा हो सकती है. ऐसी ही कई और भी बीमारी पेशाब को ज्यादा देर तक रोकने की वजह से हो सकती है. यह बात अलग है कि इसकी वजह से कुछ महिलाएं अपने घर से निकलने से पहले ही शौचालय जाती हैं और पूरी तरह से फ्रैश होने के बाद ही बाहर निकलती हैं.
यह लेखक के अपने विचार हैं.
Source : dalchand