ताड़ासन
ताड़ासन (Tadasana):- ताड़ासन से शरीर की संरेखणा, स्थिरता, और स्थिति को सुधारा जा सकता है. इससे कमर की मांड होती है और शारीरिक समर्थता में सुधार होता है.
भुजंगासन
भुजंगासन (Bhujangasana):- भुजंगासन से कमर की परिसंधि को मजबूत किया जा सकता है और पीठ की मांसपेशियों को फ्लेक्स किया जा सकता है. इससे पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है और आध्यात्मिक विकास होता है.
वृक्षासन
वृक्षासन (Vrikshasana):- वृक्षासन से शरीर का संतुलन और स्थिरता बढ़ती है. इससे पांव की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और ध्यान की शक्ति बढ़ती है.
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana):- पश्चिमोत्तानासन से पीठ, कमर, और पेट की मांसपेशियाँ संचित होती हैं. इससे श्वास की संधि को संतुलित किया जा सकता है और अवसाद से राहत मिलती है.
उत्कटासन
उत्कटासन (Utkatasana):-उत्कटासन से पांवों की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है और पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है. इससे स्ट्रेस को कम किया जा सकता है और ध्यान की शक्ति बढ़ती है.