मानसून कैसे बनता है?
आपने अक्सर लोगों को ये पूछते हुए सुना होगा कि मानसून कब आएगा? क्या मानसून आ गया है? किसान भी मानसून का इंतजार करते हैं ताकि अगली फसल की बुआई का काम किया जा सके.
मानसून कैसे बनता है?
मानसून के आगमन के साथ ही बारिश शुरू हो जाती है और बारिश शुरू होने के साथ ही किसान धान की खेती शुरू कर देते हैं. तो चलिए बिना समय बर्बाद किए हम आपको बताते हैं कि मानसून कैसे बनता है?
मानसून कैसे बनता है?
गर्मी के मौसम में सूर्य हिंद महासागर में भूमध्य रेखा (Equator) के ठीक ऊपर होता है. जब यह प्रक्रिया होती है तो समुद्र का तापमान 30 डिग्री के आसपास होता है. और जमीन पर तापमान 45-46 डिग्री तक होता है.
मानसून कैसे बनता है?
जैसे ये स्थिति क्रिएट होती है तो हिंद महासागर के साउथ वाले हिस्से में मानसूनी हवाएं एक्टिव हो जाती है. इसके बाद ये हवाएं आपस में क्रॉस करते हुए विषुवत रेखा (Equator) पार करके एशिया की ओर बढ़ने लगती हैं.
मानसून कैसे बनता है?
फिर ये हवाएं और बारिश में वाले बादल बारिश करते हुए बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का रुख करते हैं. अब सवाल है कि अपने देश में मानसून कैसे प्रवेश करता है.
मानसून कैसे बनता है?
जब तेज हवाएं और बारिश वाले बादल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पहुंचते हैं तो ये दो भागो में बंट जाते हैं. एक हिस्सा अरब सागर की ओर से मुंबई, गुजरात, रास्थान होते हुए आगे बढ़ता है तो दूसरा हिस्सा बंगला की खाड़ी से वेस्ट बंगाल, बिहार और पूर्वोत्तर होते हुए हिमालय से टकराकर गंगा के तलहटी में घूम जाता है.