1. लोहे का सामान
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर हिंदू समुदाय में विशेष महत्व है, और इस समय धर्मिक आयोजनों और पूजा के लिए लोग विभिन्न प्रकार के सामान खरीदने की तैयारी करते हैं.लेकिन इस अवसर पर लोहे के सामान की खरीदारी से बचना चाहिए.हिंदू धर्म में लोहा देवी दुर्गा को अरुण पर्वत (एक पहाड़) के रूप में समर्पित है, जिसले उनकी पूजा के दौरान लोहे का सामान नहीं खरीदना चाहिए.इससे उन्हें माँ दुर्गा के आशीर्वाद में कठिनाई और संकटों से मुक्ति मिलती है.इसलिए, इस धार्मिक उत्सव में लोहे के सामान की खरीदारी से बचना चाहिए ताकि माँ दुर्गा की कृपा बनी रहे.
2. काला कपड़ा
नवरात्रि हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की पूजा का उत्सव है, जो नौ दिनों तक चलता है.इस अवसर पर लोग विभिन्न रंगों और प्रकारों के कपड़ों की खरीदारी करते हैं, लेकिन इस समय काला कपड़ा न खरीदना चाहिए.काला कपड़ा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और अशुभता का कारण बन सकता है.नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और शुभता को बनाए रखने के लिए इस समय काले रंग के कपड़े नहीं पहने जाते.इसलिए, इस धार्मिक उत्सव के दौरान काला कपड़ा न खरीदना बेहतर होता है ताकि अशुभता से बचा जा सके.
3. इलेक्ट्रॉनिक समान
नवरात्रि के पावन दिनों में हिन्दू समाज में धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ भगवान दुर्गा की पूजा की जाती है.इस समय में लोग नए कपड़े, आभूषण, और घरेलू सामग्री खरीदने की तैयारी करते हैं, लेकिन इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने से बचना चाहिए.इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में अधिकतम दक्षता होती है, जो शुभता को प्रभावित कर सकती है और अधिक ध्यान को नकारात्मक ऊर्जा की ओर खींच सकती है.इसलिए, नवरात्रि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदी से बचकर, पूजा के शुभ और सकारात्मक माहौल को बनाए रखना चाहिए.
4. चावल
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर हिन्दू समाज में धार्मिक महत्व होता है और लोग इस उत्सव को बड़े ही श्रद्धापूर्वक मनाते हैं.इस समय में नवरात्रि के नौ दिनों तक अन्न का उपवास रखा जाता है और इसलिए लोग अन्न से संबंधित सामग्री को नहीं खरीदते, जैसे कि चावल.यह एक परंपरागत उपाय है जो धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं को समेटता है और लोगों को अन्न के महत्व को समझाता है.इस नवरात्रि में चावल खरीदने की बजाय, लोग अन्य अन्न विकल्पों का उपयोग करते हैं जैसे कि सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, और सबूदाना.इस प्रकार, वे नवरात्रि के धार्मिक आदर्शों का पालन करते हैं और इस पवित्र उत्सव को समृद्ध और धार्मिक बनाए रखते हैं.