social Media
आपको बता दें, यह कहानी उत्तर प्रदेश के झांसी के एरच कस्बे से जुड़ी है. एरच राजा हिरण्यकश्यप की राजधानी थी. पहले एरच को ही दुनिया की पहली राजधानी के रूप में जाना जाता है. जहां भक्त प्रह्लाद ने जन्म लिया था. भक्त प्रह्लाद हमेशा भगवान विष्णु की उपासना करते थे. उनकी भक्ति से हिरण्यकश्यप परेशान होकर प्रह्लाद को एरच के पर्वत से नीचें फेंक दिया था.
social Media
उसके बाद वह जब बच गए, तब उन्होंने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठ जाए. क्योंकि होलिका को यह वरदान था कि वह आग में कभी जल नहीं सकती है. लेकिन आश्चर्य तब हुआ, जब होलिका आग में जल गई और भक्त प्रह्लाद बच गए.
social Media
इसके बाद भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार में हिरण्यकश्यप का वध कर दिए. आप अगर आज भी एरच जाएंगे, तो आपको वह स्थान देखने को मिलेगा, जहां होलिका आग में जली थी. अभी वहां एक मंदिर हैं, जहां होलिका और भक्त प्रह्लाद की मूर्ति रखी गई है.
social Media
एरच ही वो स्थान है, जहां खुदाई के दौरान होलिका की मूर्ति निकली थी. इसलिए यहां होलिका बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है.