चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा (mata chandraghanta) को समर्पित होता है. मां को ये रूप अति सुंदर हैं. वो करूणा की सागर हैं, जो अपने भक्तों पर सिर्फ आशीष ही न्यौछावर करती हैं. मां भक्तों की हर पीड़ा समझती हैं इसलिए मां की कृपा जिस पर हो जाती है, उसे कोई पीड़ा ही नहीं होती है. इसलिए, आज हम आपको चंद्रघंटा मां की आरती (maa chandraghanta ji ki aarti) बताने जा रहे हैं. जिसे चैत्र नवरात्रि के दिनों में करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और इंसान को (chandraghanta mata aarti) हर तरह से सुख की प्राप्ति होती है और यही नहीं इंसान की जो भी कामना होती है वो पूरी हो जाती है.
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मां चंद्रघंटा की आरती (mata chandraghanta ki aarti)
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
क्रोध को शांत बनाने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली॥
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्रघंटा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये।
श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।
शीश झुका कहे मन की बाता॥
पूर्ण आस करो जगत दाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥
कर्नाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटू महारानी॥
भक्त की रक्षा करो भवानी।