आज 5 मार्च शनिवार (shani dev aarti) का दिन है. हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं. वैसे ही आज का दिन शनिदेव को समर्पित है. इस दिन शनि देव की पूजा का विधान है. शनिदेव (shanidev arati 2022) के प्रकोप से बचने और उनकी कृपा पाने के लिए शनिवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन किए गए उपायों, धार्मिक कार्यों से शनि के दोष को शांत किया जा सकता है. सच्ची श्रद्धा से शनिवार के दिन उनकी पूजा-अर्चना (shanidev ki aarti 2022) आदि करने से वे जल्दी ही प्रसन्न होते हैं और सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शनिदेव की कृपा बरकरार रखने के लिए आज उनकी आरती (aarti shani dev) जरूर करें.
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श्री शनिदेव आरती - 1 (shanidev ji ki aarti)
चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥
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श्री शनिदेव आरती - 2 (shanidev aarti with lyrics)
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी॥
पहली आरती प्रहलाद उबारे।
हिरणाकुश नख उदर विदारे॥
दूसरी आरती वामन सेवा।
बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।
सहसबाहु के भुजा उखारे॥
चौथी आरती असुर संहारे।
भक्त विभीषण लंक पधारे॥
पांचवीं आरती कंस पछारे।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा।
हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥