हिंदू धर्म में खाटू श्याम जी (khatu shyam ji) को सबसे बड़ा दाता कहा गया है क्योंकि उन्होंने अपने शीश का दान दिया था. माना जाता है खाटूश्याम जी जिनका नाम बर्बरीक था. वे बहुत ही वीर योद्धा थे. उनको दुर्गा माता से विजय होने का वरदान प्राप्त था. इससे प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी ने उन्हें वरदान दिया कि वह कलयुग में उनके श्याम (khatu shyam aarti) नाम से प्रसिद्ध होंगे. कलयुग में जो भी इनका नाम लेगा उसके सभी संकट दूर हो जाएंगे. इनको हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी (khatu shyam ki aarti) आदि नाम से जाना जाता है.
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इनका शीश सीकर जिले के खाटू नामक कस्बे में दफनाया गया था, इसलिए इनको खाटूश्याम जी कहा जाता है. जो लोग हारे के सहारे खाटूश्याम जी की पूजा करते हैं बाबा श्याम उसके सभी कष्ट दूर करते हैं. खाटू श्याम (khatu shyam ji ki aarti 2022) की इस आरती से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.
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खाटू श्याम जी की आरती (khatu shyam ji ki aarti)
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय – जयकार करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम – श्याम उचरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥