Advertisment

Kali Mata Aarti: काली माता की रोजाना करेंगे ये आरती, बुराइयां होंगी दूर और जीवन में प्राप्त होगी शांति

मां काली (maa kali) को समय, विनाश और शक्ति की देवी कहा जाता है. देवी मां को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका उनकी पूजा के बाद आरती (Kali Maa Ki Aarti) का है. रोजाना मां की इस आरती को करके बुराई दूर होती हैं और शांतिपूर्ण जीवन प्राप्त होता है.

author-image
Megha Jain
New Update
Kali Maa Aarti

Kali Maa Ki Aarti( Photo Credit : social media )

Advertisment

मां काली (maa kali) को समय, विनाश और शक्ति की देवी कहा जाता है. हालांकि, उन्हें बुराई का विनाश करने वाले के रूप में ज्यादा जाना जाता है. वो शेर की सवारी करती हैं. इसके साथ ही वे खोपड़ी की एक माला पहनती है जिसकी वजह से उन्हें कई बार उनके अवतार के कारण गलत समझा जाता है. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि दिव्य मां के रूप में- वे सभी देवताओं में सबसे दयालु (kali mata ki aarti bhajan) है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी (kali maa aarti) को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका  उनकी प्रतिमा की पूजा, उनकी छवि या मूर्ति के सामने करके करना अच्छा माना जाता है. रोजाना इस आरती (kali mata aarti) को करने से बुराई दूर होती हैं और स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण (kaali mata aarti) जीवन प्राप्त होता है.  

यह भी पढ़े : Saturday Special Upay: शनिवार को करें ये उपाय सरल, शनिदेव हो जाएंगे प्रसन्न और दुखों का करेंगे अंत

मां काली की आरती (Kali Mata Aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, 
 तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |
 दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |
 सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,
 दुशटन को तू ही ललकारती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 माँ बेटी का है इस् जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
 पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |
 सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,
 दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |
 हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |
 सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,
 सतियो के सत को संवरती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |
 वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |
 माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,
 भक्तो के करेज तू ही सरती |
 हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
 तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

kali mata aarti kali maa aarti kali maa aarti hindi Kali Maa aarti hindi lyrics kali ambe maa aarti ambe maa bhajan ambe mata bhajan mahakali aarti kali durga maa aarti Kali Mata ji aarti saturday special aarti
Advertisment
Advertisment
Advertisment