भगवान महावीर स्वामी (lord mahavir) जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है. जैन साहित्य के अनुसार जैन धर्म आर्यों के वैदिक धर्म से भी पुराना है. जैन धर्म के विद्वान महात्माओं को ‘तीर्थंकर’ कहा जाता था. ऐसा माना जाता है कि महावीर स्वामी से पहले 23 जैन तीर्थंकर कर हुए थे. पहले तीर्थकर ऋषभदेव और 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे. 30 वर्ष की आयु में महावीर (mahavir bhagwan aarti) ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव का त्याग किया और सन्यास धारण आत्मकल्याण के पद पर निकल गए.
इस साल महावीर जयंती (mahavir jayanti 2022) का पर्व 14 अप्रैल को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा. जैन मंदिरों में महावीर स्वामी की पूजा की जाएगी. लेकिन, भगवान की पूजा उनकी आरती के बिना अधूरी है. तो, चलिए आपको बता देते हैं कि आप उनकी कौन-सी आरती (mahavir jayanti 2022 mahavir swami aarti) कर सकते हैं.
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भगवान महावीर स्वामी की आरती (lord mahavir aarti)
ॐ जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥
सिध्धारथ घर जन्मे,
वैभव था भारी ।
बाल ब्रह्मचारी व्रत,
पाल्यो तप धारी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
आतम ज्ञान विरागी,
सम दृष्टि धारी ।
माया मोह विनाशक,
ज्ञान ज्योति जारी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
जग में पाठ अहिंसा,
आप ही विस्तारयो ।
हिंसा पाप मिटा कर,
सुधर्म परिचारियो ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
अमर चंद को सपना,
तुमने परभू दीना ।
मंदिर तीन शेखर का,
निर्मित है कीना ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
जयपुर नृप भी तेरे,
अतिशय के सेवी ।
एक ग्राम तिन्ह दीनो,
सेवा हित यह भी ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
जल में भिन्न कमल जो,
घर में बाल यति ।
राज पाठ सब त्यागे,
ममता मोह हती ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
भूमंडल चांदनपुर,
मंदिर मध्य लसे ।
शांत जिनिश्वर मूरत,
दर्शन पाप लसे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
जो कोई तेरे दर पर,
इच्छा कर आवे ।
धन सुत्त सब कुछ पावे,
संकट मिट जावे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
निशदिन प्रभु मंदिर में,
जगमग ज्योत जरे ।
हम सेवक चरणों में,
आनंद मूँद भरे ॥
॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥
ॐ जय महावीर प्रभु,
स्वामी जय महावीर प्रभु ।
कुण्डलपुर अवतारी,
चांदनपुर अवतारी,
त्रिशलानंद विभु ॥