आज 17 मार्च 2022 को होलिका दहन (holika dahan 17 march 2022) का दिन है. होली (holi 2022) का नाम सुनते ही सबसे पहले ब्रजभूमि और कृष्ण नगरी मथुरा याद आती है. फिर चाहे वो स्वंय कृष्ण भगवान हो या राधा-रानी या हो चाहें गोवर्धन पर्वत. इस दिन होली पर इनका विशेष महत्व होता है. अब इससे पहले हमने आपको श्री कृष्ण और राधा-रानी की आरती (giriraj ji ki aarti) तो बता दी थी. आज जरा गिरिराज जी यानी कि गोवर्धन पर्वत की आरती भी देख लें. जिसे करके सब सुख-शांति पा सकते हैं. तो, चलिए देख लें इस दिन कौन-सी आरती (govardhan ji ki aarti) करनी चाहिए.
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गिरिराज जी की आरती (giriraj ji ki aarti lyrics)
ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।। ओउम जय ।।
इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं।
रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरैं।। ओउम जय ।।
सुन्दर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहें।
वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहे।। ओउम जय।।
मध्य मानसी गंग कलि के मल हरनी।
तापै दीप जलावें, उतरें वैतरनी।। ओउम जय।।
नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन-पावन सुखकारी।
बायें राधा कुण्ड नहावें महा पापहारी।। ओउम जय।।
तुम्ही मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी।
दीनन के हो रक्षक प्रभु अन्तरयामी।। ओउम जय।।
हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी।
देवकीनन्दन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी।। ओउम जय।।
जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें।
गावें नित्य आरती पुनि नहिं जनम धरें।। ओउम जय।।