कल गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) की जाएगी. इस दिन विवाह से जुड़ी सारी बाधाएं दूर होती हैं. वैसे तो इस दिन ज्योतिषाचार्य व्रत रखने की सलाह देते हैं. गुरुवार के दिन (jagdish aarti in hindi) जो लोग व्रत रहते हैं, वे लोग केले के पौधे की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, केले के पौधे में भगवान विष्णु का वास होता है. लेकिन, भगवान विष्णु की पूजा उनकी आरती के बिना अधूरी है. आरती करने से पूजा पूर्ण होती है. ऐसी मान्यता है कि पूजा में जो त्रुटि होती है, वो आरती करने (lord vishnu ji ki aarti) से पूरी हो जाती है, इसलिए आरती की जाती है. अगर आप भी गुरुवार का व्रत रख रहे हैं. तो, इस दिन भगवान विष्णु (vishnu aarti) की आरती करना न भूलें.
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भगवान विष्णु की आरती (lord vishnu aarti)
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश हरे...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश हरे...॥