मां सरस्वती (maa saraswati) के आशीर्वाद से ज्ञान की प्राप्ति होती है. उन्हीं के आशीर्वाद (mata saraswati) से हम अक्षरों का ज्ञान पाने में सक्षम हैं, शब्द और स्वर सब उन्हीं की देन हैं. सरस्वती (saraswati vandana) को साहित्य, संगीत, कला की देवी माना जाता है. हाथों में वीणा लिए सरस्वती मां इस बात का संकेत भी देती हैं कि संगीत भी शिक्षा की ही पूरक है. मंदबुद्धि लोगों के लिए गायत्री महाशक्ति का सरस्वती तत्त्व अधिक हितकर सिद्घ होता है. अस्वस्थता दूर करने के लिए सरस्वती साधना की विशेष उपयोगिता है. आप भी सरस्वती मां (saraswati mantra) की वन्दना में अपना शीष झुकाएं और ज्ञान की देवी की पूजा कर उनसे विद्या का वरदान प्राप्त करें. तो, चलिए आज सरस्वती मां की इस आरती (saraswati mata aarti) को करके आप भी उनसे ज्ञान अर्जित करें.
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सरस्वती माता की आरती (saraswati aarti with lyrics)
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
जाकी कृपा कुमति मिट जाए, सुमिरन करत सुमति गति आये।
शुक सनकादिक जासु गुण गाये, वाणि रूप अनादि शक्ति की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
नाम जपत भ्रम छूट दिये के, दिव्य दृष्टि शिशु उधर हिय के।
मिलहिं दर्श पावन सिय पिय के, उड़ाई सुरभि युग-युग, कीर्ति की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
रचित जासु बल वेद पुराणा, जेते ग्रन्थ रचित जगनाना।
तालु छन्द स्वर मिश्रित गाना, जो आधार कवि यति सती की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
सरस्वती की वीणा-वाणी कला जननि की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।।