होली (holi 2022) का मौका है. ऐसे में सबसे पहले बांके बिहारी यानी कि श्री कृष्ण जी (krishna ji aarti) को याद किया जाता है. श्रीकृष्ण को प्रेम का आधार माना जाता है. श्रीकृष्ण की रासलीलाओं (lord krishna aarti) को भक्तजन बहुत ही मन से सुनते है और श्रीकृष्ण की आरती सुनकर नाचते है. भगवान श्री कृष्ण (Jai Shri Krishna aarti) की इस आरती के शब्द, सुर और राग सुनकर हर भक्त आनंद से झूम जाता है. माना जाता है कि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. तो, चलिए होली के अवसर पर जान लें कि श्री कृष्ण की कौन-सी आरती (holi krishna aarti) सुनकर आप मोहित होकर झूमने लगेंगे.
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श्री कृष्ण जी की आरती (krishna aarti hindi lyrics)
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥