मल्लिनाथ भगवान (mallinath bhagwan) जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर हैं. उनकी आरती के पाठ से किसी भी इंसान को आध्यात्मिक उन्नति (mallinath bhagwan 19th trithankar) के लिए प्रेरित करती है. कहते हैं कि भगवान श्री मल्लिनाथ की आरती के रोजाना पाठ से मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है. कलश चिन्ह के साथ भगवान मल्लिनाथ (bhagwan mallinath) की आरती परम शक्तिदायिनी एवं सांसारिक उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने वाली है. जो भी सच्चे मन से भगवान श्री मल्लिनाथ की आरती (mallinath bhagwan ji aarti) करें और अपने ज्ञान चक्षु खोलते हुए तरक्की के मार्ग पर बढ़ें.
यह भी पढ़े : Mallinath Bhagwan Chalisa: मल्लिनाथ भगवान की पढ़ेंगे ये चालीसा, मन होगा शांत और धर्म में बढ़ेगी आस्था
मल्लिनाथ भगवान की आरती (mallinath bhagwan ji aarti hindi lyrics)
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे
मिथिला नगरी जन्मे स्वामी
प्रजावती माँ हैं जगनामी
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे
कुम्भराज पितु तुम सम शिशु पा
कहलाये सचमुच रत्नाकर
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे
मगशिर सुदी ग्यारस तिथि प्यारी
जन्मे त्रिभुवन में उजियारी
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे
जन्म तिथि में ली प्रभु दीक्षा
कहलाये प्रभु कर्म विजेता
मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,
पंचम गति का निज सुख लीजे