Advertisment

Suparshvanath Bhagwan Aarti: सुपार्श्वनाथ भगवान की करेंगे ये आरती, सांसारिक कष्टों से मिलेगी मुक्ति

भगवान सुपार्श्वनाथ की आरती (suparshvanath bhagwan) उनकी अनुयायियों को अहिंसा, धर्म और न्याय के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है. इसके साथ ही उनकी आरती (suparshvanath bhagwan aarti) पढ़ने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.

author-image
Megha Jain
New Update
Suparshvanath Bhagwan Aarti

Suparshvanath Bhagwan Aarti( Photo Credit : social media)

Advertisment

भगवान सुपार्श्वनाथ जैन (shri suparshvanath bhagwan) धर्म के सातवें तीर्थंकर हैं. उनकी आरती (suparshvanath bhagwan aarti) जो भी रोजाना करता है उसे सभी सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. सिपार्श्वनाथ भगवान ने हमेशा से ही सत्यता के मार्ग को दिखाया है. भगवान सुपार्श्वनाथ की आरती (suparshvanath bhagwan aarti in hindi) उनकी अनुयायियों को अहिंसा, धर्म और न्याय के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है. भगवान सुपार्श्वनाथ की आरती पढ़ने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान सुपार्श्वनाथ की आरती मनवांछित (suparshvanath bhagwan 7th trithankar aarti) फलदायक है. 

यह भी पढ़े : Suparshvanath Bhagwan Chalisa: सुपार्श्वनाथ भगवान की चालीस दिन तक पढ़ेंगे ये चालीसा, संकट जाएंगे कट और पूरी होगी मनचाही इच्छा

भगवान सुपार्श्वनाथ की आरती 

आओ सभी मिल आरती करके, 
श्री सुपार्श्व गुणगान करें।
मुक्ति रमापति की आरती, 
सब भव्यों का कल्याण करें।।

धनपति ने आ नगर बनारस, 
में रत्नों की वर्षा की, 
गर्भ बसे भादों सुदि षष्ठी, 
पृथ्वीषेणा मां हरषीं,
गर्भकल्याणक की वह तिथि भी, 
मंगलम भगवान करें। 
मुक्ति रमापति की आरती, 
सब भव्यों का कल्याण करें।।

ज्येष्ठ सुदी बारस जिनवर का, 
सुरगिरि पर अभिषेक हुआ, 
उस ही तिथि दीक्षा ली प्रभु ने, 
राज-पाट सब त्याग दिया, 
फाल्गुन वदि षष्ठी शुभ तिथि में, 
केवलज्ञान कल्याण करें।
मुक्ति रमापति की आरती, 
सब भव्यों का कल्याण करें।।

फाल्गुन वदि सप्तमि को प्रभुवर, 
श्री सम्मेदशिखर गिरि से, 
मुक्तिरमा को वरने हेतु,
चले सिद्धिपति बन करके, 
कर्मनाश शिव वरने वाले, 
हमको सिद्धि प्रदान करें। 
मुक्ति रमापति की आरती, 
सब भव्यों का कल्याण करें।।

रत्नथाल में मणिमय दीपक, 
को प्रज्वलित किया स्वामी, 
मोहतिमिर के नाशन हेतु, 
तव शरणा आते प्राणी, 
इसी हेतु चंदनामती, 
हम भी तेरी गुणगान करें। 
मुक्ति रमापति की आरती, 
सब भव्यों का कल्याण करें।।

suparshvanath bhagwan suparshvanath bhagwan jeevan charitra suparshwanath bhagwan tonk suparshwanath bhagavan stavan suparshvanath bhagwan aarti suparshvanath bhagwan aarti hindi suparshvanath bhagwan 7th trithankar aarti suparshvanath bhagwan aarti hind
Advertisment
Advertisment