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Laxmi Aarti: मां लक्ष्मी की करेंगे सच्चे मन से ये आरती, जीवन में आएंगी खुशियां और कभी नहीं होगी धन की कमी

माता लक्ष्मी (maa laxmi) को समृद्धि और भाग्य की देवी माना जाता है. शुक्रवार (friday special maa laxmi aarti) के दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है. लेकिन, आरती के बिना मां की पूजा अधूरी है. तो, चलिए देखें कि इस दिन देवी मां की कौन-सी आरती करनी चाहिए.

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Megha Jain
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mata laxmi ki aarti

mata laxmi ki aarti ( Photo Credit : news nation)

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माता लक्ष्मी (maa laxmi) को समृद्धि और भाग्य की देवी माना जाता है. लक्ष्मी माता को  "दुनिया की माँ" होने का श्रेय दिया जाता है. इसके साथ ही देवी महा लक्ष्मी का धन, समृद्धि, भाग्य, शक्ति की देवी के रूप में भी वर्णन किया गया है. शुक्रवार (friday special maa laxmi aarti) के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन उनके ही शक्ति रूप मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है. ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि मां लक्ष्मी की पूजा सिर्फ धन प्राप्ति के लिए की जाती है जबकि इनकी दिल से अराधना करने वाले लोगों को मां यश भी प्रदान करती हैं.  मां लक्ष्मी की पूजा करने वाले व्यक्ति का दांपत्य जीवन खुशहाली से भरा रहता है और जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती. लेकिन, वहीं आरती (laxmi ji aarti) के बिना मां की पूजा अधूरी है. तो, चलिए देखें कि इस दिन देवी मां की कौन-सी आरती (Lakshmi aarti) करनी चाहिए. 

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माता लक्ष्मी की आरती (laxmi mata ki aarti) 

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥


तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥


जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥


शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

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