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Pushpadant Bhagwan Aarti: पुष्पदंत भगवान की रोजाना करेंगे ये आरती, पीड़ाओं और पापों का होगा नाश

पुष्पदंत भगवान की आरती भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली है. पुष्पदंतनाथ प्रभु (bhagwan pushpdantnath 9th trithankar aarti) निर्मलता, धैर्य, आत्मीयता और क्षमा के साक्षात् प्रतीक हैं. उनकी आरती सभी के द्वारा करना बहुत कल्याणकारी माना जाता है.

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Megha Jain
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Pushpadant Bhagwan Aarti

Pushpadant Bhagwan Aarti( Photo Credit : social media)

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पुष्पदंत भगवान (bhagwan pushpdantnath) जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर है. भगवान पुष्पदंत जी के पिता का नाम राजा सुग्रीव और माता का नाम रामादेवी था. इनका जन्म मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था. भगवान श्री पुष्पदंत जी के शरीर का वर्ण श्वेत था. उनकी आरती भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली है. उनकी आरती को रोजाना करने से पीडाओं, कष्टों और पापों का नाश होता है. कई लोगों के अनुसार पुष्पदंतनाथ की आरती स्वयं के अंदर स्थित कुरीतियों को समाप्त करने के लिए की जाती है. पुष्पदंतनाथ प्रभु (bhagwan pushpdantnath 9th trithankar aarti) निर्मलता, धैर्य, आत्मीयता और क्षमा के साक्षात् प्रतीक हैं. इसलिए, पुष्पदंत जी की आरती सभी के द्वारा करना बहुत कल्याणकारी (aarti bhagwan pushpdantnath) माना जाता है.      

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पुष्पदंतनाथ भगवान की आरती (bhagwan pushpdantnath 9th trithankar aarti) 

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदन्त स्वामी।

काकन्दी में जन्में, त्रिभुवन में नामी।।ॐ जय.।।  

फाल्गुन कृष्णा नवमी, गर्भकल्याण हुआ।स्वामी……

जयरामा सुग्रीव मात-पितु, हर्ष महान हुआ।।ॐ जय.।।1।।

मगशिर शुक्ला एकम, जन्मकल्याणक है।स्वामी…..

तपकल्याणक से भी, यह तिथि पावन है।।ॐ जय.।।2।।

कार्तिक शुक्ला दुतिया, घातिकर्म नाशा। स्वामी…….

पुष्पकवन में केवल-ज्ञानसूर्य भासा।।ॐ जय.।।3।।

भादों शुक्ला अष्टमि, सम्मेदाचल से। स्वामी……

सकल कर्म विरहित हो, सिद्धालय पहुँचे।।ॐ जय.।।4।।

हम सब घृतदीपक ले, आरति को आए।स्वामी…..

यही भक्त कहे, भव आरत नश जाए।।ॐ जय.।।5।।

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