Shri Laddu Gopal Aarti: भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को घर घर में पूजा जाता है. ब्रज के कण कण में लड्डू गोपाल बसते हैं. यही नहीं, देश के हर छोटे से छोटे कसबे और बड़े से बड़े शहर में किसी न किसी घर में आपको लड्डू गोपाल की सेवा होते हुए मिल ही जाएगी. जहां कुछ लोग लड्डू गोपाल के मनमोहक स्वरूप के कारण उनकी मूर्ति को घर में रखते हैं. वहीं, कई लोग लड्डू गोपाल को घर में परिवार के सदस्य के रूप में लाते हैं और उनकी सेवा करते हैं. लड्डू गोपाल की मनोहर छवि पर तो तीनों लोक न्यौछावर हैं. शास्त्रों के अनुसार, जो भी व्यक्ति लड्डू गोपाल की आरती मन से करता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है. इसके अतिरिक्त, लड्डू गोपाल की छवि का बारम्बार स्मरण करने और उनकी आरती करने से व्यक्ति को भक्ति और सांसारिक उन्नति दोनों ही प्राप्त होती है.
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आरती बालकृष्ण की कीजे । अपना जनम सफल करि लीजे ।।
श्री यशोदा का परम दुलारा । बाबा की अखियन का तारा ।।
गोपिन के प्राणन का प्यारा । इन पर प्राण निछावर कीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।
बलदाऊ का छोटा भैया। कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।।
परम मुदित मन लेत वलैया । यह छबि नैनन में भरि लीजे ।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।
श्री राधावर सुघर कन्हैया। ब्रज जन का नवनीत खवैया।।
देखत ही मन नयन चुरैया । अपना सरबस इनको दीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे।
तोतरि बोलनि मधुर सुहावे । सखन मधुर खेलत सुख पावे ।।
सोई सुकृति जो इनको ध्यावे। अब इनको अपनो करि लीजे।। आरती बालकृष्ण की कीजे ।