चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) बस कुछ ही दिन में यानी कि 2 अप्रैल से शुरू होने वाली है. जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री (maa shailputri) की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं. शैल का मतलब पत्थर या पहाड़ होता है. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा (maa shailputri puja vidhi) इसलिए की जाती है, ताकि जीवन में उनके नाम की तरह स्थिरता बनी रहे. ये पर्व 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगा.
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इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा (aarti shailputri mata) की पूजा-अर्चना करने से वो अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं. कल हमने आपको मां शैलपुत्री की कथा और पूजा विधि के बारे में तो बताया ही थी. लेकिन, वहीं पूजा आरती के बिना अधूरी होती है. तो, चलिए जान लें इस दौरान मां शैलपुत्री की कौन-सी आरती (maa shailputri aarti) करके आपको खुशियां प्राप्त होंगी.
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मां शैलपुत्री आरती (mata shailputri ki aarti)
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।