Kedarnath Dham Yatra 2023: जानें चारधाम यात्रा की रोचक बातें, यहां होता है दिव्य शक्तियों का वास

हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का खास महत्व है.

हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का खास महत्व है.

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Aarya Pandey
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Kedarnath Dham Yatra 2023

Kedarnath Dham Yatra 2023( Photo Credit : Social Media )

Kedarnath Dham Yatra 2023 : हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का खास महत्व है. जिसमें गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा प्रारंभ होती है. हर हिंदू को एक न एक बार चार धाम की यात्रा अवश्य करना चाहिए. सभी भारतीय का सपना होता है कि वह अपनी जिंदगी में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करें. बता दें, दिनांक 25 अप्रैल यानी कि आज से कदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं. हालांकि यहां भारी बारीश और बर्फबारी भी हो रही है. जिसके कारण हरिद्वार और ऋषिकेश में तीर्थ यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है. अब ऐसे में इन चार धामों के बारे में जानना बेहद जरूरी है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में चार धाम यात्रा के बारे में बताएंगे, साथ ही इसका महत्व क्या है. 

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केदारनाथ धाम 
इस साल दिनांक 25 अप्रैल दिन मंगलवार यानी कि आज से केदारनाथ धाम के कपाट मेघ लग्न में पूरे विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने भाइयों की हत्या के बाद प्राश्चित करने केदारनाथ ही आए थे. 

बद्रीनाथ धाम 
दिनांक 27 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर आप बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बिना चारधाम यात्रा अधूरी मानी जाती है. भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण की बद्रीनाथ तपोभूमि मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति एक बार बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है, उसे मोक्ष मिल जाता है, उस व्यक्ति का दोबारा जन्म नहीं होता है. 

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम यात्रा 
दिनांक 21 अप्रैल 2023 को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी. अब गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर खुल चुके हैं. 

जानें क्या है चार धाम का महत्व 
1. सनातन धर्म में चार धाम का बहुत खास महत्व है. यहां दिव्य शक्तियों का वास होता है. 

2. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चार धामों में बद्रीनाथ को सबसे श्रेष्ण और आठवां वैकुंठ धाम माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु 6 महीने तक निंद्रा में रहते हैं और छह महीने तक जागृत अवस्था में होते हैं.

3. केदारनाथ धाम भगवान शिव का आराम स्थान माना जाता है. यही वह स्थान है, जहां भगवान शिव ने दर्शन दिए थे.

4. धार्मिक मान्यता है कि चार धाम यात्रा करने से मनुष्य को बैकुंठ की प्राप्ति होती है. 

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