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Sindoor Science and Health Benefits: मांग में सिंदूर भरने से पति की ही नहीं बढ़ती है पत्नी की भी उम्र, जानें Blood Pressure और Migrane पर क्या होता है सिंदूर का असर

सिंदूर का ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और माइग्रेन (Migrane) से काफी गहरा नाता है. साथ ही ये कई अन्य हेल्थ बेनेफिट्स (Health Benefits of Sindoor) पहुंचाने में भी बेजोड़ है.

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Gaveshna Sharma
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मांग में सिंदूर भरने से बढ़ती है पत्नी की भी उम्र,क्या कहता है विज्ञान?

मांग में सिंदूर भरने से बढ़ती है पत्नी की भी उम्र,क्या कहता है विज्ञान?( Photo Credit : Social Media)

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Sindoor Science and Health Benefits: हिंदू धर्म में स्त्रियों का मांग में सिंदूर (Sindoor) सजाना सुहागिन होने का और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. लेकिन सिंदूर से न सिर्फ पति की आयु बढ़ती है बल्कि सिंदूर लगाने वाली महिला को भी कई स्वास्थ लाभ होते हैं. सिंदूर का ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और माइग्रेन (Migrane) से काफी गहरा नाता है. साथ ही ये कई अन्य हेल्थ बेनेफिट्स (Health Benefits of Sindoor) पहुंचाने में भी बेजोड़ है. 

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धार्मिक महत्व
- सिंदूर लगाने की प्रथा हिन्दू धर्म में बहुत समय से चली आ रही है और इसका उल्लेख रामायण काल में मिलता है. कहा जाता है माता सीता रोज श्रृंगार में मांग में सिंदूर भरती थीं. एक बार हनुमानजी ने माता सीता से पूछा आप सिंदूर क्यों लगाती हैं तो माता ने बताया इससे भगवान राम को प्रसन्नता मिलती है. प्रसन्न होने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्वस्थ होने से व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है.

- मान्यताओं के अनुसार, यदि पत्नी के बीच मांग सिंदूर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है. सिंदूर उसके पति को संकट से बचाता है. हिंदू धर्म में नवरात्र और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारके दौरान पति के द्वार अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना काफी शुभ माना जाता है. पती-पत्नी के बीच हमेशा मजूबत संबंध बना रहता है.

- विवाहित महिलाओं द्वारा सिंदूर लगाने का एक कारण यह है कि इससे सुहागन स्त्री के सौन्दर्य में वृद्धि होती है. पौराणिक कथाओं में सिंदूर के लाल रंग के माध्यम से माता सती और पार्वती की ऊर्जा को व्यक्त किया गया है. बताया जाता है सिंदूर लगाने से माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं.

- माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक भी सिंदूर माना जाता है और माता को सिंदूर बहुत प्रिय है. माता लक्ष्मी की पूजा में सिंदूर का ही प्रयोग किया जाता है. ऐसा पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि माता लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच स्थानों पर रहती हैं. जिसमें पहला स्थान स्त्री का सिर है, जहां पर वह सिंदूर लगाती हैं. इससे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है. इसलिए महिलाओं को देवी माना गया है और उनका अपमान ना करने के लिए कहा जाता है.

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वैज्ञानिक कारण
- माना जाता है पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रह्मरंध्र अधिक संवेदनशील और कोमल होता है. सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है, जिससे शरीर पर लगाने से विधुत ऊर्जा नियंत्रण होती है. इससे नकारात्मक शक्ति दूर रहती है. साथ ही सिंदूर लगाने से सिर में दर्द, अनिद्रा और अन्य मस्तिष्क से जुड़े रोग भी दूर होते हैं. विज्ञान के अनुसार, भी महिलाओं को विवाह के बाद सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए.

- सिंदूर में पारा होने से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं यानी सिंदूर लगाने से महिलाओं के चेहरे पर बढ़ती उम्र के संकेत जल्दी नहीं दिखते हैं. उनका चेहरा खूबसूरत नजर आता है. इससे महिलाओं की उम्र भी बढ़ती है. वैज्ञानिक दृष्टि से भी महिलाओँ को सिंदूर लगाना लाभकारी माना गया है.

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