तुलसीदास को हिंदी साहित्य का महान संत, रचनाकार, कवि और साहित्याकार माना जाता है. इन्होंने अपने समय में कुछ ऐसी धर्म ग्रंथों की रचना की, जो आज भी इंसान के जीवन को नई दिशा देने का काम करते हैं. ऐसे ही हिंदू महाकाव्यों में महाभारत, हनुमान चालिसा और कई दूसरे ग्रंथ हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तुलसीदास जी 16वीं सदी के महान कवि और संत माने जाते हैं. इन्होंने महाकाव्य श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल, विनयपत्रिका, गीतावली, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण की रचना की. तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास ने जब जन्म लिया था, उसी समय उनके मुंह से राम शब्द निकला था. इसलिए उनका नाम रामबोला रखा गया था.
यह खबर भी पढ़ें- Weather Update: दिल्ली-NCR में अगले पांच दिन ठंड और कोहरे का डबल अटैक, शीत लहर बढ़ाएगी मुसीबत
तुलसीदास के प्रसिद्ध भजन
तुलसीदास जी ने अपने साहित्यिक योगदान के माध्यम से कई प्रसिद्ध भजन रचे हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध भजनों के नाम निम्नलिखित हैं:
रघुपति राघव राजा राम:
यह भजन राग भैरव में है और श्रीराम की महिमा को गाता है।
तुम्ह्रे भवन में:
इस भजन में तुलसीदास जी ने माता सीता और प्रभु श्रीराम के भवन की महिमा को बयान किया है।
चालीसा भजन:
तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस के माध्यम से रची गई "रामचारित मानस" चालीसा में भी भगवान श्रीराम की स्तुति की है.
यह खबर भी पढ़ें- Weather Update: दिल्ली-NCR में अगले पांच दिन ठंड और कोहरे का डबल अटैक, शीत लहर बढ़ाएगी मुसीबत
भवानीपतिहरण स्तुति:
इस भजन में तुलसीदास जी ने माता भगवती के महत्व को बयान किया है।
हे गोविन्द, हे गोपाल:
यह भजन भगवान कृष्ण की महिमा को स्तुति करता है।
जय जय हनुमान गोसाईं:
तुलसीदास जी ने भगवान हनुमान को समर्पित इस भजन में उनकी महिमा को गाया है.
ये भजन तुलसीदास जी के आध्यात्मिक साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और आध्यात्मिक साधना में भक्तों को प्रेरित करने वाले हैं.
Source : News Nation Bureau