हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारे की कई मिसालें हैं जो दिखाती हैं कि हम सभी एक ही मानव समुदाय के हिस्से हैं. साथ ही भाईचारे के सिद्धांत को कैसे अमल में लाया जा सकता है. हालांकि कुछ राजनीतिक दलों को ये बात जरूर नागवार गुजरेगी. लेकिन फिर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कई मिशालें हैं जो नेताओं व धर्मगुरुओं के दावों को धता बता देंगी. ऐसी ही दस मिशाल यहां आपको पढ़ने को मिलेंगी. आर्टिकल पढ़कर आपके दिल में जरूर हिन्दू मुस्लिम सोहार्द की अलक जग सकती है.
गाँव सुलह की मिसाल: भारत के कई हिस्सों में हिंदू और मुस्लिमों के बीच ऐसे गाँव हैं जहां साथीपन, समरसता और भाईचारे की अद्भुत मिसालें हैं।
खादी मोहम्मद: खादी मोहम्मद, महात्मा गांधी के साथी, एक बड़े मुस्लिम नेता थे जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे और हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए प्रसिद्ध थे।
देव और ख़्वाजा साहब की मित्रता: दिल्ली के निजामुद्दीन आलिया और हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के मंदिर के बीच मित्रता की अद्भुत मिसाल है, जो लोगों को एक साथ लाती है।
आशीषों की रूपरेखा: कई मंदिरों में और मस्जिदों में आपको देखने को मिलेगा कि हिंदू और मुस्लिम धर्म समुदाय के लोग साथ में आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
संगीत की मित्रता: हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच संगीत के क्षेत्र में एक दूसरे के साथ मित्रता और समरसता देखने को मिलता है।
गुजरात की खाकी: गुजरात में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भी कई स्थानों पर भाईचारे की मिसालें हैं, जो विशेष रूप से बाराबंकी, अहमदाबाद, और सुरत में देखी जा सकती हैं।
हम सब एक हैं यात्रा: कई बार हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लोग एक ही धार्मिक यात्राओं में शामिल होते हैं, जो एकजुटता का संदेश देता है।
स्कूलों में एकता: कई स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में हिंदू और मुस्लिम बच्चे साथ में पढ़ाई करते हैं और एक-दूसरे के साथ भाईचारे की भावना बनाए रखते हैं।
सद्भावना मेला: कई जगहों पर सद्भावना मेले आयोजित होते हैं, जो दोनों समुदायों को एक साथ लाते हैं और सद्भावना की भावना को मजबूती से प्रमोट करते हैं।
धार्मिक उत्सवों में सामंजस्य: हिंदू और मुस्लिम धर्म के उत्सवों में एक दूसरे के साथ सामंजस्य और भाईचारे का अद्भुत सामर्थ्य देखा जा सकता है, जैसे कि दिवाली, ईद, होली, और रमजान।
Source : News Nation Bureau