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Sawan Special: सावन में करें इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, धुल जाएंगे जन्म-जन्मांतर के पाप

सावन के पावन दिनों में जो 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करता है कहते हैं वो जीवन में हर सुख पाता है और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. आइए आपको बताते हैं कि भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां हैं और आपको यात्रा कहां से शुरु करनी चाहिए.

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Inna Khosla
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12 jyotirlinga name and place

Know Everything About 12 Jyotirlinga( Photo Credit : Social Media)

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Sawan Special: मान्यता है कि 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से जन्म-जन्मांतर के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं. ज्योतिर्लिंग का अर्थ होता है भगवान शिव का ज्योति के रूप में प्रकट होना. अगर आप भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये जान लें कि पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है जहां से आपको यात्रा शुरु करनी चाहिए. भारत में मौजूद भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर कहां-कहां पर हैं. यहां दर्शन के लिए कब जा सकते हैं और इसमें कितना खर्चा आता है ये सारी जानकारी आज हम आपको इस स्टोरी में दे रहे हैं. 

पहला ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ

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पिछले एक हजार सालों में लगभग 6 बार ध्वस्त और पुनर्निमित किया जा चुका भारत का पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ गुजरात के काठियावाड़ में है. इसे पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है. इसे पापनाश्क तीर्थ भी कहते हैं. यहां पर देवताओं द्वारा बनाया गया एक कुंड भी है जिसे इतना पवित्र मानते हैं कि कहते हैं यहां जो आ गया उसके सारे पापों का नाश हो गया.

दूसरा मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

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दक्षिण का कैलाश कहलाने वाला मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के पास है. मान्यता है कि श्रीशैल पर्वत पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग के ये दर्शन से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है. ये एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां भगवान शिव माता पार्वती के साथ ज्योति रूप में विराजमान हैं. 

तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

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भारत का एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में है. इसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं और यहां प्रतिदिन होने वाली भस्मारती की बहुत मान्यता है. इस आरती को देखने के लिए देश-विदेश से हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. विश्वप्रसिद्ध इस भस्मारती को जो एक बार देख ले वो जिंदगीभर फिर बाबा का नाम ही जपता है.

यह भी पढ़ें: Shri Mahakaleshwar Mandir: भस्म आरती का क्या महत्व है, जानें श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा के नियम

चौथा ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

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ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी मध्यप्रदेश में ही है. महाकालेश्वर से ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मात्र 138-39 किलोमीटर ही दूर है. कहते हैं यहां भगवान शिव पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर प्रकट हुए थे और उन्होंने उन्हें वरदान दिया था. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास में ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है और कहते हैं कि ये दो नहीं बल्कि एक ही ज्योतिर्लिंग हैं. 

पांचवां नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

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12 ज्योतिर्लिंगो में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र  के हिंगोली में है. कहते हैं एक बार दारुका नाम के राक्षस ने भगवान शिव के प्रिय भक्त सुप्रिय को यहां कैद कर लिया था तब भक्त कैद में सिर्फ भोले का नाम जपता रहा और भगवान से उसकी भक्ति से प्रसन्न उसे दर्शन दिए. राक्षस को हराकर उसे कैद से बाहर निकाला. मान्यता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था जिसके दर्शन करने हर साल लाखों श्रद्धालू यहां जाते हैं. 

छठा ज्योतिर्लिंग है बैद्यनाथ

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बिहार का बैजनाथ ज्योतिर्लिंग एक सिद्धपीठ है इसलिए लोग कहते हैं कि यहां मांगी हर मुराद जरूर पूरी होती है. हर साल सावन के महीने में यहां बहुत बड़ा मेला लगता है. शिव भक्त 100 किलोमीटर दूर सुल्तानगंज से पवित्र गंगा का जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं. ये यात्रा काफी कठिन होती है

सातवां भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

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महाराष्ट्र के 5 ज्योतिर्लिंगों में से एक है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग. यहां दर्शन करने के लिए आपको मंदिर की 230 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ेगा. इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. 

आठवां त्रर्यंम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग

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त्रर्यंम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग. यहां दर्शन करने से आपके मन की हर मुराद पूरी हो जाती है. ज्यादातक लोग यहां कालसर्प दोष की पूजा करवाने जाते हैं. 

नौवां घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग

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औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के पास घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है. यहां एक सरोवर भी है जिसमें लोग डुबकी लगाकर अपने सभी पापों की माफी मांगते हैं. जिनकी संतान नहीं होती या शादी में कोई समस्या होती है वो सबसे पहले यहीं माथा टेकने जाते हैं. 

दसवां केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

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हरिद्वार से 150 किलोमीटर दूर है बाबा केदारनाथ का धाम. हिमालय पर्वत पर स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने हर साल लाखों श्रद्धालू जाते हैं. 

ग्यारहवां विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

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बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की बहुत मान्यता है. यहां दर्शन करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. काशी को बाबा भोलेनाथ की नगरी भी कहा जाता है. खासकर सावन के महीने में तो यहां का नज़ारा ही अद्भुत होता है. 

बारहवां रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

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रामेश्वरम में त्रिचनापल्ली समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग हैं जहां कि मान्यता है कि यहां विधिवत पूजा करने से ब्रह्महत्या जैसे दोष से भी मुक्ति मिल जाती है. 

कितना खर्च आएगा- इंडियन रेलवे की तरफ से 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए एक टूर पैकेज है जो आप भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, पुणे, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलोर, अहमदाबाद जैसे अन्य शहरों से बुक कर सकते हैं. इस पैकेज की कीमत 1,05,000 रुपये है. भारतीय रेलवे भारत गौरव विशेष पर्यटक ट्रेन से आप ये यात्रा 8 रात और 9 दिन में पूरी कर सकते हैं. 

तो आप अगर अपने जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति चाहते हैं तो ये यात्रा करें. आपके जीवन में आने वाले सभी कार्य मंगल होंगे

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Source : News Nation Bureau

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