Famous Shani Temples: शनि देव न्याय, कर्म और भाग्य के देवता हैं. उन्हें ग्रहों का न्यायाधीश भी माना जाता है. भारत में कई प्रसिद्ध शनि देव मंदिर हैं जो अपनी भव्यता और चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं. शनि देव भारतीय धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं. वे नवग्रहों में से एक हैं और हिन्दू ज्योतिष में उनका विशेष महत्व है. शनि देव को अनुग्रहकारी और शिक्षक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनके अनुभव भी कठिन और कठोर हो सकते हैं. शनि देव का प्रतीक अष्टदल कमल है, जो उनके तांडविक और स्थैतिक स्वभाव को दर्शाता है. उनकी वाहनता क्रांति यानी बकरी है, जो कि सांप्रदायिक शांति और संतुलन की प्रतिष्ठा का प्रतीक है. शनि देव के धर्म में अनेक प्रकार के उपासना सिद्धांत हैं, जैसे की शनि जयंती और शनि अमावस्या. शनि देव के उपासकों का मानना है कि वे किसी भी व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं, और उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और सफलता आती है. उनकी प्रार्थना से भक्त अपने कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और धन-संपत्ति एवं धार्मिक उन्नति को प्राप्त करते हैं.
प्रसिद्ध शनि देव मंदिर:
1. शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र: यह सबसे प्रसिद्ध शनि मंदिरों में से एक है. यहाँ शनिदेव स्वयंभू मूर्ति के रूप में विराजमान हैं. कहा जाता है कि शनिदेव रावण के पुत्र मंदोदरी के साथ यहाँ आये थे. रावण के पराजय के बाद जब रावण की पत्नी मंदोदरी अपने पति के साथ लंका लौटने लगी, तब शनिदेव यहाँ रुक गए.
2. शनि मंदिर, दिल्ली: यह मंदिर चांदनी चौक में स्थित है. यहाँ शनिदेव को ढाई किलो काले उड़द की दाल से बनी मूर्ति में विराजमान हैं. मान्यता है कि शनिदेव ने भगवान हनुमान को दर्शन दिए थे.
3. शनि मंदिर, उज्जैन: यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है. यहाँ शनिदेव को काले रंग की मूर्ति में विराजमान हैं. यहां शनिदेव ने भगवान राम को शनि की साढ़े साती से मुक्ति प्रदान की थी.
4. शनि मंदिर, कोकिलावन, मध्य प्रदेश: यह मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है. यहाँ शनिदेव को स्वयंभू मूर्ति के रूप में विराजमान हैं. कहा जाता है कि यहाँ शनिदेव ने रावण को शनि की साढ़े साती से मुक्ति प्रदान की थी.
5. शनि मंदिर, तिरुवनंतपुरम, केरल: यह मंदिर पद्मनाभस्वामी मंदिर के पास स्थित है. यहाँ शनिदेव को काले रंग की मूर्ति में विराजमान हैं. मान्यता है कि शनिदेव ने भगवान विष्णु की पूजा की थी.
इन मंदिरों में शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़े साती, ढैय्या और अन्य शनि दोषों से मुक्ति मिलती है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है. शनि देव की महिमा विशेष रूप से उनके भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच व्याप्त है. उनके उपासना के माध्यम से, लोग अपने जीवन में नैतिकता, संयम, और ध्यान की भावना को बढ़ाते हैं और सफलता की दिशा में अग्रसर होते हैं. इस प्रकार, शनि देव की महिमा उनके अनन्य भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि का स्रोत बनती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau