Sanno Devi Temple: भारत में कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं. कुछ मंदिर विश्वप्रसिद्ध हैं तो कुछ मंदिरों के बारे में लोगों को कम जानकारी है. ऐसे ही एक 5000 साल पुराने मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. इस मंदिर में द्रौपदी भी पूजा करने आती थी. ऐसी मान्यता है कि ये मंदिर महाभारत काल से भी पुराना है और इसमें जो भी पूजा करने आता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता, इस प्राचीन मंदिर के प्रांगण में एक शमी का वृक्ष भी है जिसे 5000 साल पुराना ही बताया जाता है. आइए जानते हैं शन्नो देवी का ये मंदिर कहां है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर हरगांव तहसील में शन्नो देवी माता का 5000 साल पुराना मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर द्रौपदी नियम से पूजा करने आती थी. सन्नो देवी मंदिर मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों की पत्नी द्रौपदी यहां सबसे पहले माता सन्नो देवी की पूजा करती थीं, फिर इसके बाद मंदिर के पीछे शमी के पेड़ की पूजा करती थीं. कहते हैं इस शमी के पेड़ पर ही पांडवों के अस्त्र-शस्त्र रखे रहते थे जिसकी पूजा उनकी पत्नी द्वारा हर दिन होती है. युद्ध के दौरान माता के आशीर्वाद वाले इन्हीं अस्त्र-शस्त्र का इस्तेमाल वो करते थे.
इतिहास के जानकारों के अनुसार इस मंदिर को औरंगजेब ने अपने शासन काल के समय आक्रमण कर तुड़वाने की भी कोशिश की थी. मंदिर पर आक्रमण का प्रमाण आज भी खंडित मूर्तियों के स्वरूप में देखे जा सकते हैं.
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मान्यता है कि जो भी श्रद्धालू यहां पूजा करने आता है उसकी हर मनोकामना शन्नो देवी के आशीर्वाद से पूरी होती है. तो आप भी अगर उत्तर प्रदेश में हैं और लखीमपुर के पास से जा रहे हैं तो एक बार इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं.
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