पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में करीब 5000 साल पुराना हमारा शारदा पीठ भी है. यहां हिंदू, सिख और बौद्धों के बहुत सारे धर्म स्थल भी हैं. दिसंबर 2018- पाक अधिकृत कश्मीर के कथित प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर खान ने मीरपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हिंदू, सिख और बौद्धों के करीब 600 तीर्थस्थल हैं जिनमें शारदा और अली बेग भी शामिल हैं और अधिकारी इन स्थलों के जीर्णोंद्धार की योजना बना रहे हैं जिससे जम्मू कश्मीर के तीर्थयात्रियों के लिए इसे खोला जा सके.
अशोक के साम्राज्य में 237 ईस्वी पूर्व स्थापित प्राचीन शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना एक परित्यक्त मंदिर है. कश्मीर में रहने वाला हिंदू समुदाय लंबे समय से इस कॉरिडोर को बनाने की मांग कर रहा था. लाइन ऑफ कंट्रोल से इस पीठ की दूरी 10 किलोमीटर है.
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शारदा पीठ मुज़फ़्फ़राबाद से लगभग 140 किलोमीटर और कुपवाड़ा से भी लगभग 30 किमी की दूरी पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास नीलम नदी के तट पर स्थित है.
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श्रीनगर से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शारदा पीठ देवी के 18 महाशक्ति पीठों में से एक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का दायां हाथ गिरा था. इस मंदिर को ऋषि कश्यप के नाम पर कश्यपपुर के नाम से भी जाना जाता था.
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शारदा पीठ में देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. वैदिक काल में इसे शिक्षा का केंद्र भी कहा जाता था. मान्यता है कि ऋषि पाणिनि ने यहां अपने अष्टाध्यायी की रचना की थी. शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे थे. रामानुजाचार्य ने यहां ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी.
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शारदा पीठ का अर्थ है "शारदा की भूमी या गद्दी या जगह" जो हिंदू देवी सरस्वती का कश्मीरी नाम है. कुछ प्राचीन वृत्तांतों के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 142 फीट और चौड़ाई 94.6 फीट है. मंदिर की बाहरी दीवारें 6 फीट चौड़ी और 11 फीट लंबी हैं. वृत्त-खंड 8 फीट की ऊंचाई के हैं. लेकिन अब अधिकतर ढांचा क्षतिग्रस्त हो चुका है.