Kashi Vishwanath Dham: इस साल देव दीपावली के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में एक नई परंपरा की शुरुआत की जा रही है. पहली बार, मंदिर परिसर में लगभग 25,000 पितरों के नाम से दीप जलाए जाएंगे. यह विशेष आयोजन गेट नंबर चार से लेकर गंगा द्वार और ललिता घाट तक किया जाएगा. इसके लिए श्रद्धालू इन चार श्रेणियों में से किसी में भी बुकिंग करा सकते हैं- गंगा ज्योति, काशी प्रकाश, देव दीपक, और दिव्य गंगा ज्योत. जो भी जातक अपने पितरों की याद में चाहे वो यहां दीप जला सकता है. इस अनूठी पहल के लिए मंदिर प्रशासन ने चार श्रेणियों में दीया डोनेशन की व्यवस्था की है जिसमें 1100 रुपये से लेकर 11000 रुपये तक का दान देना होगा.
दीया डोनेशन की प्रक्रिया और महत्व
इस नई परंपरा के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर ने आधुनिक और धार्मिक भावनाओं को जोड़कर एक नई शुरुआत की गयी है. मंदिर प्रशासन की इस पहल को काशी में आने वाले भक्तों द्वारा खूब सराहा जा रहा है. उनका मानना है कि यह एक सराहनीय कदम है जिससे न केवल भक्तों को अपने पितरों की याद में दीप जलाने का अवसर मिलेगा बल्कि उनकी आत्मा को शांति भी प्राप्त होगी. जो श्रद्धालु काशी आने में असमर्थ होंगे, उनके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. काशी विश्वनाथ धाम के पंडित उनके पितरों के नाम से दीप जलाएंगे और संकल्प करेंगे. इसके साथ ही बुकिंग कराने वाले श्रद्धालुओं के घर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद भी भेजा जाएगा, जिसमें मिश्री, रुद्राक्ष, और ड्राई फ्रूट्स शामिल होंगे.
श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से मंदिर की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा, जो लोग ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर सकते, वे मंदिर के कार्यालय में जाकर ऑफलाइन बुकिंग करा सकते हैं. बुकिंग के समय, श्रद्धालुओं को अपने पितरों का नाम दर्ज कराना होगा जिससे संबंधित पुजारियों के पास नामों की सूची पहुंच जाएगी. इसके बाद, पितरों के नाम का संकल्प लिया जाएगा और मंत्रोच्चार के साथ दीप जलाए जाएंगे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)