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Bhavishya Malika: क्या आने वाला है 7 दिनों का अंधकार, नए युग की शुरुआत के संकेत

Bhavishya Malika: संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणियों पर भारत के प्रधानमंत्री से लेकर आम जनता तक सबकी नज़र होती है. आने वाले समय के बारे में उन्होने सात दिनों के अंधेरे की बात से क्या संकेत दिए हैं आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Bhavishya Malika 7 days of darkness is coming

Bhavishya Malika 7 days of darkness is coming

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Bhavishya Malika: भविष्य मालिका ग्रंथ जिसे महान संत अच्युतानंद महाराज और उनके चार साथियों ने लगभग 500-600 साल पहले लिखा था इसमें अनेक भविष्यवाणियां की गई हैं जो आज तक सच साबित होती आई हैं. इनमें से एक प्रमुख भविष्यवाणी सात दिनों के अंधकार की है जिसने आज पूरे विश्व को डराया हुआ है. भविष्य मालिका ग्रंथ में संत अच्युतानंद महाराज ने लिखा है कि एक समय आएगा जब पूरी दुनिया सात दिनों के अंधकार में डूब जाएगी. इस दौरान न सूर्य की रोशनी होगी, न चांद की, और बिजली के उपकरण जैसे मोबाइल, टीवी आदि भी काम करना बंद कर देंगे. इस अंधकार के कारण मनुष्यों के साथ-साथ जानवर और पक्षी भी विचलित हो जाएंगे. जंगली जानवर घरों में घुस आएंगे और मानव जीवन को खतरे में डाल देंगे.

संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार, यह घटना तब घटेगी जब 'मीन कृष्ण चतुर्दशी' होगी और उस दिन शुक्रवार होगा. इस दौरान न दिन में सूर्य दिखाई देगा और न रात में चांद.

सत्ययुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग में भी हुआ था ऐसा

भविष्य मालिका में बताया गया है कि ऐसा केवल कलियुग में ही नहीं, बल्कि इससे पहले सत्ययुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग में भी हुआ था. सत्ययुग में भगवान विष्णु ने मुरासुर का वध किया था, तब सात दिनों का अंधकार छा गया था. त्रेतायुग में जब लक्ष्मण जी रणभूमि में मूर्छित हो गए थे और हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने गए थे तब भी सात दिनों का अंधकार छाया था. इसी प्रकार द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने जरासंध से बचने के लिए एक गुफा में छिपे थे तब भी सात दिनों का अंधकार फैल गया था.

अंधकार का कारण

इस अंधकार का मुख्य कारण मानव जाति के द्वारा फैलाया गया प्रदूषण और धरती पर बढ़ता तापमान है. ओजोन परत को नुकसान पहुंचने के कारण सूर्य की तीव्रता लगातार बढ़ रही है और यह स्थिति आने वाले समय में नियंत्रण से बाहर हो सकती है. तब सूर्य देव सात दिनों तक अपनी ऊर्जा को शीतल करने के लिए शांत हो जाएंगे और इस दौरान पूरी दुनिया अंधकार में डूब जाएगी.

अंधकार के बाद एक नया युग

जब यह सात दिनों का अंधकार समाप्त होगा तो एक नई सुबह के साथ सत्ययुग का आगमन होगा. सूर्य और चाँद की रोशनी पहले से अधिक तेज और शीतल होगी. इस नए युग में मनुष्य एक दूसरे के साथ प्रेम और शांति से जीवन व्यतीत करेंगे. हालांकि, इस नए युग के आने से पहले मानव जाति को भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा, जिसमें प्राकृतिक आपदाएँ, जानवरों का आक्रमण और एक भयानक युद्ध शामिल होगा.

इस युद्ध में भगवान कल्कि जो विष्णु का अंतिम अवतार होंगे कलियुग के राक्षसों का विनाश करेंगे और जो लोग भगवान की पूजा करेंगे वे इस नए युग में प्रवेश करने का अवसर पाएंगे. भविष्य मालिका की यह भविष्यवाणी एक चेतावनी है कि आने वाले समय में दुनिया को बड़े संकटों का सामना करना पड़ सकता है. मानव जाति को यह समझना होगा कि प्रकृति और पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाकर ही हम एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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