Advertisment

Die Without Paying Debt: कर्जा लौटाए बिना हो गयी मृत्यु, तो परलोक में भुगतने होंगे ये परिणाम

Die Without Paying Debt: आज के जमाने में शायद ही कोई ऐसा होगा जिस पर कर्जा न हो. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर लोन चुकाए बिना आपकी मृत्यु हो जाए तो परलोक में आपको क्या कष्ट भोगने पड़ेंगे.

author-image
Inna Khosla
New Update
Die Without Paying Debt

Die Without Paying Debt( Photo Credit : News Nation)

Die Without Paying Debt: भारतीय शास्त्रों और धर्मग्रंथों में कर्ज़ (ऋण)के महत्व और उसके निवारण के बारे में पढ़ने को मिलता है. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और वह अपने कर्ज़ का भुगतान नहीं कर पाता है, तो उसे इसका परिणाम परलोक में भोगना पड़ता है. सिर्फ हिन्दू धर्म में ही नहीं बल्कि हर धर्म में कर्ज़ के बारे में लिखा गया है. हिन्दू धर्म में कर्ज़ को एक गंभीर दायित्व माना गया है. ऋण का भुगतान करना धर्म और नैतिकता का हिस्सा माना गया है. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि कर्ज़ चुकाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है और कर्ज़ न चुकाने से व्यक्ति को अगले जन्म में कष्ट भोगने पड़ सकते हैं. धर्म शास्त्रों में कर्जे का क्या महत्व है आइए समझते हैं. 

Advertisment

गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की स्थिति और कर्ज़ के बारे में विस्तृत विवरण मिलता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति बिना कर्ज़ चुकाए मर जाता है, तो उसकी आत्मा को अगले जन्मों में कष्ट उठाने पड़ सकते हैं. यह कहा गया है कि आत्मा को मोक्ष प्राप्त करने में भी कठिनाई होती है.

हिन्दू धर्म में पितृ ऋण और देव ऋण की भी अवधारणा है. पितृ ऋण का अर्थ है पूर्वजों का ऋण और देव ऋण का अर्थ है देवताओं का ऋण. इन ऋणों को चुकाने के लिए व्यक्ति को अपने जीवन में कर्तव्यों का पालन करना पड़ता है. कर्ज़ चुकाना भी इसी ऋण का हिस्सा माना जाता है.

Advertisment

कर्ज़ चुकाने के उपाय

अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसका कर्ज़ शेष रह जाता है, तो उसके उत्तराधिकारी (जैसे पुत्र, पुत्री या परिवार के अन्य सदस्य) पर यह जिम्मेदारी होती है कि वे उस कर्ज़ को चुकाएं. कई बार वसीयत (Will) के माध्यम से भी यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मृतक के बाद उसका कर्ज़ चुका दिया जाए. हिन्दू धर्म में कुछ धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के माध्यम से भी कर्ज़ से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है. पितृ पक्ष और श्राद्ध कर्म के दौरान पितरों को प्रसन्न करने और उनके कर्ज़ से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है.

परलोक में भुगतने होंगे ये परिणाम

Advertisment

भारतीय शास्त्रों और धर्मग्रंथों के अनुसार, कर्ज़ एक गंभीर दायित्व है और इसे चुकाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है. अगर कोई व्यक्ति बिना कर्ज़ चुकाए मर जाता है, तो उसकी आत्मा को अगले जन्मों में कष्ट उठाने पड़ सकते हैं और मोक्ष प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति जीवन में अपने कर्ज़ को चुकाने का प्रयास करें और मृत्यु के बाद उसके उत्तराधिकारी इस जिम्मेदारी को निभाएं. धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थना के माध्यम से भी कर्ज़ से मुक्ति की प्रार्थना की जा सकती है.

देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation ‬के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

Advertisment

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Die Without Paying Debt Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज रिलिजन Hindu Dharma
Advertisment
Advertisment