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श्रीकृष्ण के अनुसार ऐसा भयानक होगा कलयुग का अंत, जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के बारे में तो सब जानते हैं. हर युग जो शुरू होता है उसका अंत होता है. कलयुग का अंत भी होगा और ये कितना भयानक होगा शायद आप इस बारे में सोच भी ना पाएं.

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Inna Khosla
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End of Kaliyuga according to shri krishna

kalyuga( Photo Credit : social media)

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कलयुग के अंत के बारे में प्राचीन पुराणों में पहले ही भविष्यवाणी की जा चुकी है. कलयुग का प्रभाव कैसा होगा? कलयुग में मनुष्य का व्यवहार कैसा होगा? कलयुग की स्त्रियां कैसी होंगी, मनुष्य का आकार और आयु कितनी होगी, पाप और पुण्य की परिभाषा क्या होगी? कलयुग में मुक्ति पाने के कौन से मार्ग होंगे और कलयुग का अंत कैसे होगा, जैसे हर विषय में हमारे प्राचीन पुरानों में भविष्यवाणी की गई है. भगवान श्रीकृष्ण ने कलयुग का वर्णन गरुड़ जी के सामने किया है, जिसके बारे में प्राचीन गरुड़ पुराण में बताया गया है. 

कलयुग का अंत धर्म की विफलता, अनुशासन की कमी, मनुष्यों में बढ़ती दुर्भावना, धन की लालसा, अत्यधिक काम का प्रभाव, भ्रष्टाचार से बढ़ता व्यापार, गुरूजनों तथा पूज्य लोगों की नींद, स्त्रियों में व्याभिचार और अनाचार आदि गुणों की वृद्धि, लोगों में आध्यात्मिकता की कमी आदि जैसे लक्षण जब नज़र आने लगेंगे, तो ये कलयुग की पहचान होगी है. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि कलयुग में मनुष्य का मन अत्यधिक कठोर हो जाएगा. मनुष्य अशांत, चंचल धर्म से विमुख होकर अधर्म के पथ पर चलने वाले होंगे. उन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं होगा. जिसके मुख से जो भी निकलेगा उसे ही शास्त्र समझा जाएगा. कलयुग के अंत में अधर्म और आसुरी शक्तियां का विनाश होगा और पुनः नए युग का आरंभ होगा अर्थात फिर से सत्य युग का आरंभ होगा और सृष्टि का यह चक्र चलता रहेगा. 

इतना भयानक होगा कलयुग का अंत 

सबसे पहले सत्य युग, उसके बाद त्रेता युग, फिर द्वापर युग और अंत में कल युग. महाभारत के युद्ध के पश्चात कलयुग का आगमन पृथ्वी पर हुआ था. यह युग धार्मिक और आध्यात्मिक स्थिति में सबसे कम प्रगति करने वाला माना जाता है. मान्यता के अनुसार आज से 3137 साल पहले महाभारत का युद्ध हुआ और कलयुग का आरंभ इस युद्ध के 35 वर्ष के पश्चात हुआ अर्थात भगवान श्रीकृष्ण के अपने धाम पर वापस जाने के बाद हुआ. 

श्री कृष्ण कहते हैं कलयुग में लोग अपने स्वार्थ को ही सर्वोपरि मानेंगे. धर्म का त्याग करके मटेरियलिस्टिक उद्देश्य को पाने के लिए जी जान से कोशिश करेंगे. धर्म में विश्वास न होने के कारण लोग अन्यायपूर्वक आचरण करेंगे. अगर हम आज के समय में देखें तो पाप इतना बढ़ चुका है मानो ऐसा लगता है कलयुग का अंत अब निकट आ चुका है, लेकिन कुछ विद्वानों के अनुसार यह तो बस शुरुआत है. आगे कलयुग और भी भयानक रूप लेने वाला है. कलयुग के उस भयानक रूप को देखने की क्षमता आज के मनुष्यों के अंदर नहीं है जब कलयुग का अंत समय निकट आएगा तो ऐसी ऐसी भयानक चीजें दिखाई पड़ेगी. मनुष्य का रूप इतना विकृत और भयानक हो जायेगा कि वह मनुष्य कम पिशाच ज्यादा दिखाई देंगे. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source :News Nation Bureau

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