Mantra Jaap: ऊं नम: शिवाय... ऊ नम: शिवाय... ऊं नम: शिवाय... क्या आप इसी तरह जप करते हैं. आपको किस तरह से किसी भी मंत्र का जप करना चाहिए. ये शिव पुराण में लिखा हुआ है. आपको वो चार तरीके बता रहे हैं जिसे जप करते समय आपको जरुर ध्यान में रखना चाहिए. अगर आप चाहते हैं कि आपके जप का आपको पूरा फल मिले तो आप माला से किसी भी मंत्र का जप या जाप करते समय ये गलतियां ना करें. पूजा-पाठ जितना नियमपूर्वक किया जाता है उसका शुभ परिणाम भी उतना ही जल्द मिलता है.
1. गलत तरीके से किया गया जप
पुराण के मुताबिक भगवान की पूजा और जप करने की एक निश्चित क्रिया होती है. मनुष्य को पूरे विधि-विधान के साथ ही देव पूजा और जप करना चाहिए। अगर कोई बिना सही विधि का पालन किए, किसी भी समय पर किसी भी तरह से भगवान का जप करता है तो उसका जप निष्फल माना जाता है. इसलिए सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके भगवान के सामने दीप लगाकर, पूरी क्रिया के साथ जप करना चाहिए.
2. बिना श्रद्धा के किया गया जप
जो गलत भावना से जप करता है उसका जप कभी पूरा नहीं होता. कहा जाता है कि भगवान की कृपा श्रद्धा पर निर्भर करती है. अगर पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ भगवान से प्रार्थना की जाए तो हर मनोकामना जरूर पूरी होती है.
3. जिस जप के बाद दक्षिणा न दी जाएं
शिवपुराण के मुताबिक पूरे विधि-विधान के साथ भगवान का जप करे और उसके बाद दक्षिणा या दान न करे तो उसका जप व्यर्थ चला जाता है. दक्षिणा के बिना जप का फल नहीं मिलता.
4. आज्ञाहीन जप
भगवान की पूजा-अर्चना और जप करने से पहले योग्य पुरोहित से आज्ञा ली जानी चाहिए. पुराने जमाने में ऋषियों से सही विधि-विधान जाने बिना किया गया जप फल प्रदान नहीं करता है।
Source : News Nation Bureau