Bath Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्नान का सही समय और दिशा आपके स्वास्थ्य, धन और समृद्धि को प्रभावित कर सकती है. वास्तु शास्त्र में स्नान का सही समय और दिशा का महत्व है. इसके अनुसार, स्नान का सही समय सुबह उठकर, सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पूर्व होता है. स्नान का यह समय उत्तम ऊर्जा को आपके शरीर में आने का अवसर प्रदान करता है और आपको ताजगी और सकारात्मकता प्रदान करता है. वास्तु शास्त्र में स्नान की दिशा का भी महत्व है. इसके अनुसार, स्नान का सही दिशा पूरब और उत्तर होता है. इन दिशाओं में स्नान करने से आपके शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और आपके जीवन में संतुलन का अनुभव होता है. इसलिए, वास्तु शास्त्र के अनुसार सही समय और दिशा में स्नान करना शुभ होता है और आपको शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार प्रदान करता है. यह आपके घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का वातावरण बनाता है.
समय
सुबह: सुबह स्नान करना सबसे अच्छा माना जाता है, खासकर सूर्योदय से पहले. यह आपके शरीर को शुद्ध करने और आपको दिन भर ऊर्जावान रखने में मदद करता है.
शाम: शाम को स्नान करना भी अच्छा माना जाता है, खासकर सूर्यास्त के बाद. यह आपको दिन भर की थकान और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करने में मदद करता है.
दिशा
पूर्व: पूर्व दिशा में स्नान करना सबसे अच्छा माना जाता है. यह आपके स्वास्थ्य और धन को बढ़ाने में मदद करता है.
उत्तर: उत्तर दिशा में स्नान करना भी अच्छा माना जाता है. यह आपको ज्ञान और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है.
स्नान करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें. अपने बाथरूम को साफ और स्वच्छ रखें. बाथरूम में नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकने के लिए दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें. बाथरूम में दर्पण को सही जगह पर लगाएं. आप चाहें तो बाथरूम में पौधे लगाएं. वास्तु शास्त्र केवल एक मार्गदर्शक है. आपको अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार निर्णय लेना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau