Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, विभिन्न दिशाओं का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. प्रत्येक दिशा का अपना एक विशिष्ट महत्व होता है और विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग दिशाओं को शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कि किस दिशा में मुख करके कौन सा कार्य करना चाहिए.
पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है सकारात्मक ऊर्जा और नए आरंभ का प्रतीक मानी जाताी है.
किस काम के लिए
सुबह उठकर पूर्व दिशा में मुख करके व्यायाम करने से स्वास्थ्य लाभ होता है. पढ़ाई करते समय पूर्व दिशा में मुख करने से एकाग्रता बढ़ती है और ज्ञान प्राप्ति होती है. पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. पूजा, ध्यान, और धार्मिक अनुष्ठान पूर्व दिशा की ओर मुख करके करने चाहिए. पूर्व दिशा को सूर्य की दिशा माना जाता है, जो ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है.
पश्चिम दिशा सूर्यास्त की दिशा इसे शांति और विश्राम का प्रतीक माना जाता है.
किस काम के लिए
सोते समय पश्चिम दिशा में सिर रखना शुभ माना जाता है. लेखन, कला आदि रचनात्मक कार्य करते समय पश्चिम दिशा में मुख करके बैठना अच्छा होता है. रचनात्मक कार्य जैसे संगीत, कला, और अन्य कलात्मक गतिविधियाँ पश्चिम दिशा की ओर मुख करके की जा सकती हैं. यह दिशा सृजनात्मकता और समर्पण को बढ़ावा देती है.
उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है ये धन और समृद्धि की देवता की दिशा भी कही जाती है.
किस काम के लिए
व्यापार से जुड़े कार्यों के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है. यात्रा शुरू करने से पहले उत्तर दिशा में मुख करके प्रार्थना करना शुभ होता है. इसके अलावा पढ़ाई, लेखन, और बौद्धिक कार्य उत्तर दिशा की ओर मुख करके करने चाहिए. उत्तर दिशा को ज्ञान और समृद्धि की दिशा माना जाता है.
दक्षिण दिशा यमराज की दिशा कही जाती है.
किस काम के लिए
दक्षिण दिशा में अधिक समय बिताने से बचना चाहिए. भोजन करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके नहीं बैठना चाहिए.
इनके अलावा, उत्तर-पूर्व दिशा देवताओं की दिशा मानी जाती है. यहां मंदिर बनाना शुभ होता है. दक्षिण-पश्चिम दिशा पितृदोष से जुड़ी मानी जाती है. यहां भारी सामान रखना अच्छा नहीं होता. उत्तर-पश्चिम वायु की दिशा है. यहां खिड़कियां रखना शुभ माना जाता है. दक्षिण-पूर्व अग्नि की दिशा है. यहां रसोईघर बनाना शुभ होता है.
पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करना शुभ होता है. सोते समय सिर उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए. पढ़ाई करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए. रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)