Adhik mass 2020: मलमास में इन बातों का ध्यान रख के करें भगवान विष्णु की पूजा, बरसेगी कृपा

हर तीन साल में आने वाले अधिक मास के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं. बता दें कि भगवान विष्‍णु को ही अधिकमास का स्‍वामी माना जाता है. अधिकमास में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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Vineeta Mandal
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Apara Ekadashi

Adhik mass 2020 ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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18 सितंबर से अधिकमास (Adhik maas) या मलमास (Malmas) शुरू हो गया है, जो कि 16 अक्टूबर तक रहेगा. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक मलमास (अधिमास) महीने में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. हिंदू धर्म में इस महीने लोग पूजा-पाठ, भगवतभक्ति, व्रत-उपवास, जप और योग जैसे धार्मिक कार्यों में व्‍यस्‍त रहते हैं. अधिकमास में धार्मिक कार्यों का विशेष महत्‍व होता है.

हर तीन साल में आने वाले अधिक मास के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं. बता दें कि भगवान विष्‍णु को ही अधिकमास का स्‍वामी माना जाता है. अधिकमास में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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अधिक मास में की जाने वाली भगवान विष्णु की पूजा के साथ –साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए. जिससे माता लक्ष्मी की भी कृपा आप पर बरसती रहे. ऐसा भी माना जाता है कि अधिकमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें खीर के साथ पीले रंग की ही मिठाई और फल का भोग लगाना चाहिए. पीपल के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए अधिक मास के दौरान पीपल के वृक्ष पर मीठा जल चढ़ाना लाभकारी होता है. अधिकमास के दौरान तुलसी जी सामने घी का दीपक जलाना भी लाभकारी माना गया है.

कहा जाता है कि अधिक मास में भगवान सत्य नारायण की पूजा करना भी काफा लाभकारी होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं जिसके बाद घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. ऐसा भी माना जाता है कि अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.

इन मंत्रों का करें जाप, मिलेगा विशेष लाभ-

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.

2. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम

3. गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।

4. ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

अधिकमास में करें ये काम-

  • व्रत, दान, पूजा, हवन, ध्यान करें. इससे आपको पापों से मुक्‍ति मिलती है.
  • इस महीने किए गए सभी शुभ कार्यों का फल कई गुना मिलता है.
  • इस महीने भागवत कथा सुनें और तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान करें.
  • अधिकमास में दान का विशेष महत्व है. दीपदान करना अति शुभ माना गया है.
  • धार्मिक पुस्तकों का दान भी शुभ बताया गया है.
  • अधिक मास के पहले दिन घी का दान फलदायी माना जाता है.

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अधिकमास में न करें ये काम

1. अधिकमास में शुभ कार्यों जैसे शादी-विवाह पर पांबदी होती है. अधिकमास में किए गए रिश्‍ते से किसी भी प्रकार का सुख नहीं होता. पति-पत्‍नी में अनबन रहती है. शादी या तो अधिकमास से पहले करें या फिर बाद में.

2. अधिक मास में कोई भी नया काम न करें. इस महीने नया बिजनेस करने से आर्थिक परेशानियों को बढ़ावा मिलता है. पैसों की तंगी बनी रहती है.
अधिकमास में मुंडन, कर्णवेध या फिर अन्‍य कोई संस्‍कार नहीं करना चाहिए. गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए. संपत्ति का क्रय या फिर विक्रय भी नहीं करना चाहिए. ऐसी संपत्ति भविष्‍य में नुकसान करा सकती है.

Source : News Nation Bureau

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