Tirupati Temple Adulterated Prasad: तिरुपति मंदिर का प्रसाद ग्रहण करने वालों का काशी में प्रायश्चित शुरू हो गया है. भक्त पंचगव्य के जरिये अपना प्रायश्चित कर रहे हैं. अखिल भारतीय व्यास संघ और काशी विद्वत परिषद अब भूल वस तिरुपति मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने वालो का प्रायश्चित शुरू करने जा रहा है जो पूरी तरह से नि:शुल्क होगा. पिछले दिनों सीएम नायडू ने पिछले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि उन्होने अपने राजनीतिक लाभ के लिए मंदिर का इस्तेमाल किया और प्रसाद में जो देसी घी मिलाया गया था उसमें जानवरों की चर्बी थी. जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ी और जांच कमेटी ने भी इसकी पुष्टी की. जब से मामला सामने आया है तब से तिरुपति मंदिर का प्रसाद ग्रहण करने वाले लोग परेशान हो रहे हैं.
मुफ्त में प्रायश्चित करने का मौका
तिरुपति मंदिर का प्रसाद खाने वालों के लिए निशुल्क अनुष्ठान शुरू किया है. दरअसल तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने का मामला उजागर होने के बाद से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. सनातन धर्म में गहरी आस्था रखने वाले मांसाहारी चीजों से दूर रहते हैं, लेकिन इस जानकारी के सामने आने के बाद लोगों को बहुत दुख पहुंचा है. लोग अब वहां दर्शन पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण करने की वजह से अपने आप को पाप का भागीदार मान रहे हैं और उसके प्रायश्चित के लिए काशी में अनुष्ठान शुरू हो रहा है. महंत बालक दास (अध्यक्ष, अखिल भारतीय व्यास संघ) ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि अखिल भारतीय व्यास संघ और काशी विद्वत परिषद् अब उन भक्तो का प्रायश्चित कराएगा.
काशी विद्वत परिषद् बताता है कि किस तरह से ऐसे भक्तों का प्रयाश्चित होगा जो भूलवश मिलावटी प्रसाद ग्रहण कर चुके हैं. काशी विद्वत परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री का कहना है ऐसे भक्तों को उनके कुल देवता का पूजन करना होगा, उनसे क्षमा याचना करनी होगी और जिसमें पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी के जरिए शुद्धिकरण पंचामृत तैयार करके अनुष्ठान के बाद इसे उन भक्तों को ग्रहण करवाया जायेगा. जो भी लोग दर्शन के बाद चर्बी युक्त प्रसाद खाकर अपने धर्म और अनजाने में हुए धोखे को लेकर परेशान हैं उनका ये भी कहना है कि किसी अनजानी गलती के लिए ईश्वर माफ करते हैं. ऐसे में आत्मग्लानी करने से बेहतर है, उस गलती को सुधारा जाए और अपना शुद्धिकरण करके भगवान से माफी मांग ली जाए. यही वजह है कि यहां के पुरोहित और पंडित निशुल्क यह अनुष्ठान करवा कर तिरुपति में चर्बी युक्त प्रसाद ग्रहण करने वाले भक्तों को इस पाप से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
रिपोर्ट- सुशांत मुखर्जी
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)