Premanand Maharaj: प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज को ज्ञान और उपदेशों के लिए जाना जाता है. वे विशेष रूप से पति-पत्नी के संबंधों में संतुलन और सामंजस्य बनाने के लिए मशहूर हैं. प्रेमानंद महाराज का मानना है कि एक सफल और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों और आदर्शों का पालन करना आवश्यक है.
पति-पत्नी का रिश्ता हो जाएगा अटूट
संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, पति-पत्नी मानो एक प्राण दो देह जैसा संबंध है. ये संबंध आजकल थोड़ा वासनाओं के कारण मलिन हो रहा है, नहीं तो बहुत सुंदर गृहस्थ धर्म है. अगर दोनों एक दूसरे के प्रति आत्मवत् भावना-प्यार भावना करें, दोनों मिलकर भगवत् आराधना करें तो पूरा परिवार कल्याणमय हो जाएगा. अब अगर पत्नी तप परायण है, भजन परायण है, भगवत् परायण है और पति कुमार्गगामी है तो भी पति की रक्षा होती रहेगी, उसके बल से. जैसे वृंदा सती है और जालंधर राक्षस स्वभाव का है लेकिन उसका कोई बाल बांका नहीं कर सका. बड़े-बड़े देवता हार गए क्योंकि वो सती पतिव्रता धर्म से युक्त था. अगर पति कुमार्गगामी भी है, अगर आप अपने धर्म से चल रही हैं तो उसका भी मंगल हो जाएगा.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाने के के लिए पति-पत्नी के बीच आपसी सम्मान होना बहुत जरूरी है. एक-दूसरे की भावनाओं, इच्छाओं और आवश्यकताओं का सम्मान करना चाहिए. अच्छे और खुले संचार के बिना किसी भी रिश्ते का विकास संभव नहीं है. पति-पत्नी को एक-दूसरे से अपने विचार और भावनाएं साझा करनी चाहिए. एक-दूसरे के लिए समय निकालना जरूरी है. व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, कुछ समय साथ बिताना रिश्ते को मजबूती देता है. किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है. एक-दूसरे पर विश्वास रखना और शक से बचना चाहिए. पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति समर्पित होना चाहिए. अपने साथी की खुशी और सुख को प्राथमिकता देना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)