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Akshaya Tritiya 2022 Celebration In Different States: कल भारत में दिखेगा अक्षय तृतीया का भव्य स्वर्ण प्रकाश, जानें विभिन्न हिस्सों में कैसे मनाई जाती है अक्षय तृतीया

कल यानी कि 3 मई को सम्पूर्ण भारत में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. अक्षय तृतीया को नए काम की शुरुआत करने के लिए और आभूषण खरीदने के लिए बेहद अच्छा दिन माना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि भारत के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व कैसे मनाया जाता है.

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Gaveshna Sharma
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कल भारत के विभिन्न हिस्सों में दिखेगा अक्षय तृतीया का स्वर्ण प्रकाश

कल भारत के विभिन्न हिस्सों में दिखेगा अक्षय तृतीया का स्वर्ण प्रकाश( Photo Credit : News Nation)

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Akshaya Tritiya 2022 Celebration In Different States: अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह त्योहार 3 मई, मंगलवार यानी कि कल के दिन पड़ रहा है. अक्षय तृतीया को आखातीज के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है. अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्‍त होता है. इस दिन किए गए दान पुण्य के बारे में मान्यता है कि जो कुछ भी पुण्यकार्य इस दिन किए जाते हैं उनका फल अक्षय होता है यानी कई जन्मों तक इसका लाभ मिलता है. अक्षय तृतीया के इस पावन पर्व पर हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि  भारत के विभिन्न हिस्सों में यह त्यौहार कैसे मनाया जाता है.   

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गुजरात (Gujarat)
गुजरात में अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी, हीरा आदि चीजों की खरीदारी बेहद ही शुभ मानी जाती हैं. यहां के लोगों का मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन आभूषणों की खरीदारी करने से जीवन में आर्थिक सम्पन्नता बनी रहती है. गुजरात के लगभग सभी बाज़ार में इस दिन खरीदारी को लेकर काफी भीड़ रहती है. खासकर सराफा बाज़ार में अधिक भीड़ रहती है. कहा जाता है कि गुजराती जैन समाज के लिए यह त्योहार महत्वपूर्ण होता है. 

ओडिशा (Orissa)
ओडिशा में अक्षय तृतीय बड़े धूम-धाम से मनाई जाती है। इस दिन यहां सोना, चांदी आदि आभूषण खरीदना शुभ तो माना ही जाता है साथ ही इस शुभ दिन को किसानों से भी जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि इस शुभ दिन को ओडिशा के किसान अपने खेतों की जुताई और बुआई का काम करते हैं. कई लोगों का यह भी मानना है कि इस दिन जगन्नाथ पुरी मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं.  

पंजाब (Punjab)
पंजाब और हरियाणा शहर में अक्षय तृतीय को खेती से जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि इस पवित्र दिन को किसान ब्रह्म मुहूर्त में अपने खेत को देखने जाते हैं और धरती मां से अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं. यहां अक्षय तृतीया को लेकर एक मिथक ये भी है कि जब किसान खेत की तरफ जाते हैं और रास्ते में कोई जानवर और पक्षी मिल जाए तो शुभ माना जाता है. 

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
अक्षय तृतीय के दिन मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि शहरों के लोग सोना, चांदी आदि की खरीदारी करना शुभ मानते हैं. इसके अलावा यहां के लोग इस दिन को दान-पुण्य से भी जोड़कर देखते हैं. इस दिन किए गए दान को लेकर मान्यता है कि इसका फल बेहद ही शुभ होता है. इसके अलावा अक्षय तृतीय को व्यापार और निवेश से भी जोड़कर देखा जाता है. इस दिन लगभग हर राज्य में लक्ष्मी-गणपति की पूजा की जाती है. 

बिहार (Bihar)
बिहार में किसी भी नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए यह दिन बेहद अच्छा और शुभ माना जाता है. ईसिस कारण घर या कार्यालय में पूजा का आयोजन भी किया जाता है. बिहार में इस दिन कोई भी कार्यालय बिना सजावट के नजर नहीं आता. 

पश्चिम बंगाल (West Bengal) 
पश्चिम बंगाल में बाकी शहरों की तरह ही इस दिन को शुभ मानते हैं और सोना चांदी खरीदते हैं. लेकिन यहां की अलग बात ये है कि इस दिन बंगाल में भगवान विष्णु को नहीं बल्कि माता लक्ष्मी को पूजा जाता है. और माता लक्ष्मी के पूजन की विशेष तैयारियां की जाती हैं. 

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