Akshaya Tritiya 2022: जब अक्षय तृतीया के दिन प्रकट हुआ था पांचवा वेद और भगवान शिव की सलाह पर कुबेर जी ने किया था धन प्राप्ति का ये उपाय

आज हम आपको उन विशेष कड़ियों से परिचय कराने जा रहे हैं जिनके होने से ही अक्षय तृतीया तिथि का महत्व और भी कई गुना बढ़ जाता है. जिसमें सृष्टि के पांचवें वेद का प्रागट्य और भगवान शिव का कुबेर देव को एक खास उपाय बताना शामिल है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
जब अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव ने किया था धन प्राप्ति का ये उपाय

जब अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव ने किया था धन प्राप्ति का ये उपाय ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Akshaya Tritiya 2022: अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह त्योहार 3 मई, मंगलवार के दिन है. माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है. अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्‍त होता है. अक्षय तृतीया को अखतीज के नाम से भी जाना जाता है. पुराणों में बताया गया है कि यह बहुत ही पुण्यदायी तिथि है इस दिन किए गए दान पुण्य के बारे में मान्यता है कि जो कुछ भी पुण्यकार्य इस दिन किए जाते हैं उनका फल अक्षय होता है यानी कई जन्मों तक इसका लाभ मिलता है. ऐसे में अक्षय तृतीया के मौके पर हम आपको आज इस पर्व से जुड़ी कुछ रोचक बातें और कथाएं जैसे कि- इस दिन ही पांचवें वेद का प्रागट्य हुआ था और इसी दिन भगवान शिव ने कुबेर देव को धन प्राप्ति के लिए एक सरल व अचूक उपाय बताया था, आदि के बारे में बताने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Kalasthami 202 Vrat Katha: कालाष्टमी के दिन पढ़ेंगे ये पौराणिक कथा, काल भैरव के आशीर्वाद से दूर हो जाएगी हर व्यथा

परशुराम जन्म 
भगवान विष्‍णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के घर जन्‍म लिया था. यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्‍णु की उपासना की जाती है. इसदिन परशुरामजी की पूजा करने का भी विधान है.

मां गंगा का पृथ्वी आगमन 
इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरीत हुई थीं. राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित कराने के लिए हजारों वर्ष तक तप कर उन्हें धरती पर लाए थे. इस दिन पवित्र गंगा में डूबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

मां अन्नपूर्ण का जन्म 
इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है. इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है और भंडारे किए जाते हैं. मां अन्नपूर्णा के पूजन से रसोई तथा भोजन में स्वाद बढ़ जाता है. 

पांचवें वेद का हुआ प्रगट्य 
अक्षय तृतीया के अवसर पर ही म‍हर्षि वेदव्‍यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था. महाभारत को पांचवें वेद के रूप में माना जाता है. इसी में श्रीमद्भागवत गीता भी समाहित है. अक्षय तृतीया के दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18वें अध्‍याय का पाठ करना चाहिए. 

भगवान शिव ने कुबेर देव को सुझाया अचूक उपाय 
भगवान शंकरजी ने इसी दिन कुबेर देव को माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी थी. जिसके बाद से अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की की जाती है और यह परंपरा आज तक चली आ रही है. 

यह भी पढ़ें: Dharmik and Scientific significance of wearing Payal: हड्डियों की मजबूती से लेकर ऊपरी बाधाओं की रामबाण काट है पायल, जानें शादी के बाद महिलाओं के पायल पहनने के बेजोड़ लाभ

अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करने का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया के दिन कम से कम एक गरीब को अपने घर बुलाकर सत्‍कार पूर्वक उन्‍हें भोजन अवश्‍य कराना चाहिए. गृहस्‍थ लोगों के लिए ऐसा करना जरूरी बताया गया है. मान्‍यता है कि ऐसा करने से घर में धन धान्‍य में अक्षय बढ़ोतरी होती है. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर धार्मिक कार्यों के लिए अपनी कमाई का कुछ हिस्‍सा दान करना चाहिए. ऐसा करने से धन और संपत्ति में कई गुना इजाफा होता है.

अक्षय तृतीया के दिन किसी नए कार्य को शुरू करने से उसमें सफलता और अपार सुख-संपदा की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस द‍िन पर‍िणय सूत्र में बंधे दंपत्तियों का दांपत्‍य जीवन अत्‍यंत प्रेम भरा होता है. 

akshaya tritiya 2022 mahatw Akshaya tritiya 2022 akshaya tritiya 2022 significance akshaya tritiya date akshaya tritiya 2022 shubh muhurt akshaya tritiya 2022 puja vidhi akshaya tritiya 2022 time akshaya tritiya 2022 mantra akshaya tritiya in mathura akha
Advertisment
Advertisment
Advertisment