Akshaya Tritiya 2023 : दिनांक 22 अप्रैल दिन शनिवार को अक्षय तृतीया है. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक है. इस दिन आप जो भी काम करते हैं, उसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता है. यह हमेशा आपके साथ रहता है. इसी कारण लोग अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं, ताकि जातक के जीवन में कभी धन, संपत्ति की कमी न हो. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि अक्षय तृतीया पर भगवान कुबेर की पूजा क्यों की जाती है और भगवान कुबेर के प्रभावशाली मंत्र क्या है.
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जानें क्यों की जाते भगवान कुबेर की पूजा
भगवान कुबेर को धन संपत्ति का संरक्षक कहा जाता है. ये रावण के सौतेले भाई हैं. भगवान कुबेर को धनपति होने का आशीर्वाद भगवान शिव ने दिया था. इन्हें स्थिर धन का प्रतीक भी माना जाता है, यानी कि जो व्यक्ति इनकी पूजा करता है, उनका धन कभी नहीं घटता है.
मां लक्ष्मी होती हैं चंचल
मां लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी कहा जाता है. लेकिन वह बहुत चंचल है. ये किसी के पास लंबे समय तक नहीं ठहरती हैं. इसलिए इनको स्थिर रखने के लिए साथ में भगवान गणेश की पूजा की जाती है. क्योंकि मां लक्ष्मी ने दत्तक पुत्र भगवान गणेश को वरदान दिया था कि जहां भी गणपति जी की पूजा होगी, वहां वह स्थिर रूप से निवास करेंगी. इसलिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की अवश्य पूजा की जाती है.
अक्षय तृतीया पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ करें कुबेर देवता की पूजा
अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा करें और इस दिन सोना खरीदें और जौ खरीदकर लाए. क्योंकि जौ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है.
कुबेर देवता के इन प्रभावशाली मंत्रों का करें जाप
1. धन प्राप्ति कुबेर मंत्र
ओम श्रीं ओम ह्रीं श्रीं ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:.
2. अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र
ओम ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः.
3. पंच त्रिंशदक्षर मंत्र
ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि दापय स्वाहा.